कृषि महाविद्यालय ढोलिया में चतुर्थ वर्ष के विद्यार्थियों का ओरिएंटेशन प्रोग्राम*
*दैनिक मूक पत्रिका बेमेतरा -* इंदिरा गाँधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर अंतर्गत संचालित रेवेन्द्र सिंह वर्मा कृषि महाविद्यालय एवं अनुसंधान केंद्र ढोलिया में रावे (रुरल एग्रीकल्चरल वर्क एक्सपेरिएंस) कार्यक्रम के अंतर्गत चतुर्थ वर्षीय छात्र-छात्राओं द्वारा रावे अध्ययन हेतु ग्राम पंचायत झाल का चयन करके अपने रावे कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। रावे कार्यक्रम छात्रों को ग्रामीण इलाकों में किसानों के साथ काम करने का मौका देती है। इसका मुख्य उद्देश्य छात्रों को व्यावहारिक कृषि ज्ञान प्रदान करना है, जिससे वे कृषि के क्षेत्र में क्या चुनौतियाँ हैं और कैसे आधुनिक तकनीकों का उपयोग कर किसानों की आय बढ़ाई जा सकती है को समझ सकें। इस कार्यक्रम के तहत, छात्रों को खेती के विभिन्न चरणों जैसे बुवाई, सिंचाई, उर्वरक प्रबंधन, कीट नियंत्रण और फसल कटाई के बारे में सिखाया जाता है। साथ ही, वे किसानों के साथ मिलकर खेती से संबंधित समस्याओं का समाधान भी करते हैं। इससे छात्रों को कृषि की वास्तविक स्थितियों को समझने का अवसर मिलता है और किसानों को नई कृषि तकनीकों के बारे में जानकारी मिलती है। कृषि रावे कार्यक्रम किसानों और कृषि छात्रों के बीच एक सेतु का काम करता है। इससे जहां एक ओर छात्रों को खेती के व्यावहारिक पहलुओं की जानकारी मिलती है, वहीं दूसरी ओर किसानों को उन्नत तकनीकों और वैज्ञानिक दृष्टिकोण से अपनी खेती में सुधार करने का मौका मिलता है। यह कार्यक्रम भारतीय कृषि के विकास में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है और आने वाले समय में इसके और अधिक सफल परिणाम देखने को मिल सकते हैं। इस अवसर पर प्रोफ़ेसर सहित समस्त चतुर्थ वर्ष के छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।