छत्तीसगढ़टॉप न्यूज़देशबेमेतरा /कवर्धाराज्यरायपुरलोकल न्यूज़

*अवैध मुरूम माफियाओं का जिले में आतंक, जिम्मेदार अधिकारी नींद में, नहीं उठाते फोन, किसका है भय ?*

*नहीं हो रही कार्यवाही, तेजी से बढ़ते अवैध मुरूम माफिया*

 

*मुरूम खनन जोरों पर, अधिकारी कि नहीं छूट रही कुर्सी*

*अधिकारियों की निशक्रियता से फल फूल रहे अवैध खनन करने वाले ठेकेदार*

*प्रशासनिक कासौती के कमी के वजह से बेमेतरा जिले के विभागीय अधिकारी हो गए बेपरवाह*

*दैनिक मूक पत्रिका बेमेतरा* – जिले में लगातार अवैध मुरूम खनन की शिकायतों का मामला उजागर होना आम बात हो गया है। जिसको लेकर क्षेत्र की जनता काफी परेशान हताश और निराश नजर आ रही है। कुछ ऐसा ही मामला बुधवार को जिला मुख्यालय के बालसमंद रोड स्थित ग्राम बहेरा कुसमी में देखने को मिला जहां पर मंगलवार की रात्रि करीब 12:00 बजे ग्राम के शासकीय चारागाह की जगह से चोरी छुपे लाल मुरम निकला जा रहा था, अवैध खनन कर रहे जेसीबी बिना नंबर प्लेट का था, जिसकी जानकारी ग्रामीणों को हुई , तत्काल मध्य रात्रि में ही ग्राम के सरपंच पति, उप सरपंच एवं ग्रामीणों के द्वारा उक्त जेसीबी जो की लुका छुपी से मुरूम की चोरी कर रहा था को धर दबोचे, तथा मौके पर ही जिम्मेदार अधिकारी को सूचना देनी मुनासिब समझे और फोन मिलाते रहे किंतु ग्रामीणों को अधिकारियों के द्वारा प्रति उत्तर नहीं मिलने पर ग्रामीणों ने उक्त जेसीबी एवं संचालक को पड़कर बुधवार की सुबह लगभग 12:00 बजे तक अवैध रूप से मुरूम खनन कर रहे स्थल पर रखे रहे। इस बीच अनेकों बार जिम्मेदार खनिज अधिकारी अर्चना ठाकुर को दूरभाष के माध्यम से सूचना दी गई, जिस पर अधिकारियों ने जाकर कार्यवाही करने का आश्वासन तो दिया किंतु उक्त स्थल पर जाना मुनासिफ नहीं समझा । सोचने वाली बात यह है कि रात्रि 12:00 बजे से सुबह 12:00 तक ग्रामीणों के द्वारा उनकी संपत्ति को चोरी कर ले जाने वाले को मौके पर पकड़ कर रखना और ऐसे में क्षेत्र के जिम्मेदार अधिकारी वहां नहीं पहुंचना शासन प्रशासन की नाकामी और भ्रष्टाचार की पोल खोलती नजर आ रही है। ग्रामीणों का कहना है कि अगर इस बीच उनके साथ कुछ अनुचित लड़ाई झगड़ा हो जाता तो इसकी जवाब देही कौन होते ? क्या शासन प्रशासन इसकी जिम्मेदारी अपने ऊपर लेती या फिर जनता को मरने के लिए छोड़ देती इसका जवाब कौन देगा? उक्त अवैध मुरूम खनन की जानकारी जब समाचार पत्रों के संवाददाता को मिली तब वे भी मौका स्थल पर पहुंचे और उनके द्वारा भी उच्च अधिकारी को इस बात से अवगत कराया कि उक्त स्थल पर अवध मुरूम खनन की जा रही थी जिसको ग्रामीणों ने पड़कर रखा है, जिला खनिज अधिकारी अर्चना ठाकुर के द्वारा केवल और केवल आश्वासन ही देते रहे जिसकी इंतजार में ग्रामीण खाना-पीना त्याग कर अपनी हक की लड़ाई लड़ने जुटे रहे फिर भी खनिज अधिकारी कार्यवाही करने नहीं पहुंची।

*मुरूम माफियाओं का किसका संरक्षण, आखिर खनिज विभाग क्यों नहीं करती कारवाई*

क्षेत्र की जनता अवैध लाल मुरूम खनन से काफी प्रताड़ित नजर आ रहे है और अपने आप को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं । उनका कहना है कि जब उनके द्वारा अवैध मुरूम खनन की सूचना जिम्मेदार पद पर बैठे अधिकारी कर्मचारियों को दी जाती है तो सिर्फ दिखावे के नाम पर आश्वासन दिया जाता है किंतु धरातल पर कार्यवाही नहीं की जाती आखिर ऐसे अधिकारी कर्मचारियों को किसका डर सता रहा है क्या वे अपने कर्तव्य को समझ नहीं पा रहे हैं या फिर जनता को परेशान होने छोड़ दिया जाता है। क्या अधिकारी कर्मचारि राजनीतिक दबाव के चलते कार्यवाही नहीं करना चाहते या फिर बात कुछ और ही है क्षेत्र की जनता जानना चाहती है ? आखिर लोग अपनी फरियाद लेकर जाए तो जाए किसके पास क्योंकि ऐसी स्थिति में एक कहावत साइयां कोतवाल तो काहे का डर चरितार्थ होते नजर आ रहा है।

*कार्यवाही नहीं होने पर, मुरूम माफियाओं के हौसले बुलंद*

जिला मुख्यालय सहित ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों में मुरूम माफियाओं के द्वारा किए जा रहे अवैध मुरूम खनन को लेकर काफी आक्रोश पनप रहा है। गोपनीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मुरूम माफिया बहुत ही शातिर तरीके से लाल मुरूम की चोरी कर रहे हैं। वे लगभग रात्रि 11:00 बजे से लेकर 3-4 बजे तक ही मुरम निकालने का कार्य करते हैं, इस बीच लोग रात्रि की भोजन कर गहरी निंद्रा में सोए रहते हैं जिसका फायदा उठाकर अवैध तरीके से क्षेत्र में मुरूम की चोरी की जा रही है। जिस पर जिले के खनिज विभाग के अधिकारी के द्वारा पैनी नजर नहीं रखना और अवैध मुरूम खनन पर माफियाओं के ऊपर कार्यवाही नहीं करने से उनके हौसले दिन-ब-दिन बुलंद होते जा रहे हैं। ऐसी स्थिति रहा तो अधिकारी कर्मचारियों को भी वे अपने उंगली पर नाचने की कोशिश करेंगे। यह बात भी निकाल कर सामने आती है कि क्या क्षेत्र में चल रहे अवैध मुरूम खनन करने वाले जेसीबी एवं हाईवे संचालकों के ऊपर राजनीतिक सिपाहियों का तो हाथ नहीं जिसके वजह से अधिकारी कर्मचारी उनके नाम सुनते ही कार्यवाही करने के लिए आनाकानी करते नजर आते हैं।

MOOK PATRIKA

राष्ट्रीय दैनिक मुक पत्रिका एक ऐसा न्यूज वेबसाइट है जिसके माध्यम से विभिन्न दैनिक समाचार पत्र एवं अन्य पत्रिका को समाचार एवं फोटो पिक्चर की सेवाएं न्यूनतम शुल्क के द्वारा भी अन्य पाठकों को भी फेसबुक व्हाट्सएप यूवटुब व अन्य संचार के माध्यम से प्रतिदिन समय समय पर न्यूज़ भेजा जाता है

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!