धर्मगुरु गुरु बालदास साहेब का अवतरण दिवस व सतनामी स्वाभिमान दिवस को धूमधाम से मनाया गया*
*दैनिक मूक पत्रिका रायपुर* – सतनामी समाज द्वारा उनके राजागुरु, धर्मगुरु गुरु बालदास साहेब जी के अवतरण दिवस को ‘सतनामी स्वाभिमान दिवस’ के रूप में बड़े धूमधाम और श्रद्धा के साथ मनाया गया। यह भव्य आयोजन छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के बलबीर सिंह जुनेजा इंडोर स्टेडियम में संपन्न हुआ। इस विशेष अवसर पर राजागुरु गुरु बालदास साहेब ने समाज को संबोधित करते हुए कहा, “सतनामी समाज की शक्ति उसकी एकता, समानता और आत्म-सम्मान में है। हमारे पूर्वजों ने हमें जो विरासत दी है, उसे संरक्षित और विकसित करना हमारी जिम्मेदारी है। समाज के हर सदस्य को शिक्षा, सेवा और नैतिकता के मार्ग पर चलना चाहिए ताकि हम अपने समाज को नई ऊँचाइयों तक ले जा सकें।” उन्होंने समाज के युवाओं को शिक्षा के महत्व पर बल देते हुए कहा कि “हमारे समाज की उन्नति तभी संभव है, जब हमारी नई पीढ़ी ज्ञान और कौशल, संस्कृति, के क्षेत्र में आगे बढ़ेगी। इस अवसर पर कार्यक्रम में कैबिनेट मंत्री टंकराम वर्मा, कैबिनेट मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल, सांसद बृजमोहन अग्रवाल, जेष्ठ भ्राता गुरु सोमेश बाबा, अनुज गुरु सौरभ साहेब , गुरु परिवार के सदस्य, विधायक मोती लाल साहू, विधायक पुरंदर मिश्रा, विधायक इंद्राकुमार साहू , जिलाध्यक्ष भाजपा रायपुर ग्रामीण श्याम नारंग, समाजिक पदाधिकारी, समाजजन एवं छत्तीसगढ़ के कोने-कोने से आये सतनामी समाज के राजमहंत, जिला महंत, सेक्टर महंत, भंडारी, साटीदार और विभिन्न संगठनों के प्रमुख भी इस महत्वपूर्ण आयोजन में भागीदार बने। हजारों की संख्या में सतनामी समाज के सदस्य और अन्य समुदायों के प्रतिनिधि भी शामिल हुए। समारोह के दौरान सतनामी समाज के विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले व्यक्तियों को सम्मानित किया गया, जिनमें पत्रकारिता, विकास, शिक्षा, कला, संस्कृति और सामाजिक कार्यों में अद्वितीय योगदान देने वाले शामिल थे। इस सम्मान का उद्देश्य समाज की नई पीढ़ी को प्रेरित करना और उनकी उन्नति में योगदान देना है। मुख्य अतिथियों ने समाज के विकास, योगदान और एकता पर अपने विचार व्यक्त किए और विभिन्न वर्गों के बीच संवाद स्थापित कर समाज की प्रगति की दिशा में आगे बढ़ने के महत्व पर जोर दिया। इस कार्यक्रम की सफलता के लिए आरंग विधायक और अनुसूचित जाति विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष गुरु खुशवंत साहेब का निष्ठापूर्ण योगदान सराहनीय रहा, जिन्होंने आयोजन की रूपरेखा और व्यवस्था को साकार किया।