दैनिक मूक पत्रिका सूरजपुर – हसदेव अरण्य क्षेत्र में अदानी के कोयला खदान हेतु जंगल में पेड़ों की कटाई का विरोध कर रहे आदिवासियों पर पुलिस की बर्बरतापूर्ण हमले का छत्तीसगढ़ किसान सभा ने कड़ी निंदा की है । बीते शनिवार को जारी एक प्रेस बयान में छत्तीसगढ़ किसान सभा के राज्य महासचिव कपिल पैकरा ने एक प्रेस बयान जारी कर पुलिस प्रशासन की इस जघन्य लाठीचार्ज और पत्थर से आदिवासियों पर किए गए हमले पर रोष व्यक्त करते हुए कहा कि प्रदेश की भाजपा सरकार और उनके प्रशासन अडानी के हितों को ध्यान में रखकर कार्य कर रही है। पुलिस और साय की सरकार अडानी के दास बनकर प्रदेश की गरीब आदिवासियों को अपने हमले का निशाना बना रही है। श्री पैकरा ने आगे कहा कि देश के संविधान में हर नागरिक को अपने अधिकारों की रक्षा करने के लिए शांतिपूर्ण व लोकतांत्रिक तरीके से विरोध करने का अधिकार है। हसदेव में ग्रामीण जनता शांतिपूर्ण तरीके से पेड़ कटाई का विरोध कर रहे थे जिस पर सांय सरकार की पुलिस ने हमला किया जिससे अनेकों आदिवासी घायल हुए है।
किसान नेता ने आगे कहा कि आदिवासियों का जीविकापोर्जण का एकमात्र साधन वनोपज संग्रहण ही है।जंगल में पेड़ की कटाई आदिवासियों की एकमात्र जीविका पर ही हमला है ,पेड़ों की कटाई से उनके जीवन को जीने का माध्यम को ही छीना जाएगा। एकतरफ आदिवासियों के जीविका पर हमला और दूसरी तरफ पेड़ कटाई से पर्यावरण पर दुष्प्रभाव भी पड़ेगा। उन्होंने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार और राज्य में सांय की डबल इंजन की सरकार देश और प्रदेश में आदिवासियों पर हमला करने की नीतियां बना रही है। मोदी सरकार ने खदान के लिए जंगल में पेड़ कटाई की अनुमति के लिए पर्यावरण विभाग की अनुमति हासिल करने की विधि निषेध को पहले ही शिथिल कर दिया है। जंगलों को बड़े उद्योगपतियों के हवाले करने के लिए कानून में बदलाव कर दिया है। वही प्रदेश की सांय की सरकार कॉर्पोरेट घराने की मुनाफा को सुनिश्चित करने के लिए विरोध कर रहे आदिवासियों पर लाठी और पत्थर से हमले कर रहे है। किसान नेता ने कहा कि कॉर्पोरेट घराने की हितों की रक्षा करने और जनता के विरोध के स्वर को कुचलने के लिए ही भाजपा को डबल इंजन की सरकार की जरूरत पड़ती है। किसान सभा ने इस जघन्य घटना के खिलाफ पूरे प्रदेश में विरोध कार्यवाही का आह्वान किया है। और घायल परीवारो का पांच लाख मुवाजा देने कि मांग कि है।