*मूक पत्रिका की खबर का असर…. आबकारी विभाग की बड़ी कार्यवाही*
*पिकरी देशी भट्टी के पांच कर्मचारियों को किया ब्लैकलिस्टेड दो पर मेहरबानी का राज क्या?*

*खुद को बचाने निर्दोषों की नौकरी से ब्लैकलिस्टेड करने की हकिकत*
*आबकारी विभाग का अजब गजब की कहानी ओवर रेट के नाम पर शराब में पानी मिलावटी का बड़ा खेल*
*दैनिक मूक पत्रिका बेमेतरा* – राज्य सरकार की छवि खराब करने में लगे आबकारी विभाग के कर्मचारियों की खुली पोल 21 सितंबर की दिन कर्मचारियों को देशी शराब दुकान पिकरी में शराब में पानी मिलावट के मामले पर सेल्समैन और सुपरवाइजर और मल्टी के कर्मचारियों ने दबाव पूर्ण कर्मचारियों को शराब की बोतल और ढक्कन देकर पानी की मिलावट कर अतिरिक्त शराब बनाने का कारोबार विगत दो महीना से चल रहा था , यह बात हम नहीं बल्कि उनके कर्मचारी जो ब्लैकलिस्टेड हुए हैं उनका यह आरोप है मीडिया से रूबरू होते हुए अपनी पीड़ा को व्यक्त किया जिन कर्मचारियों ने उन्हें बचाने का आश्वासन देकर इस प्रकार से कार्य करने के लिए उनको ललाहित किया वही व्यक्ति आज उनको ब्लैक लिस्टेड कर दिया । उनके भविष्य के साथ में बड़ा खिलवाड़ करने कोई कसर नहीं छोड़ी पीड़ित पक्ष ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि विभागीय आबकारी निरीक्षक द्वारा प्रति दिन 2000 लेने की बात कही साथ ही मेरे को कोरे कागज पर दस्तख़त कराकर उक्त बयान को पलट कर संबंधित जितने कर्मचारी हैं उनको ब्लैक लिस्ट का करने का काम किया है वही दो लोगों को स्वतंत्र छूट दे चुका है जिनका लगातार शिकायत होने के बावजूद भी कार्रवाही करने के बजाय संरक्षण देते हुए बचा रहे हैं । नतीजन अपराध थमने के बजाय बढ़ते नजर आ रही है। इस विषय को लेकर जब हमारे संवाददाता ने विभागीय अधिकारियों से घटना के दिन ही फोन लगाकर घटना के संबंध में जानकारी लेना चाहा तो अधिकारियों की मोबाइल को साप सुंघ दिया फोन उठाने का नाम ही नहीं ले रहे वहीं दूसरी दिन जब घटना की जानकारी का हकीकत रूबरू के रूप में जिला अधिकारी सक्षम पहुंचे तो उनका बयान ही कुछ संदेहास्पद कहने लगे कहने लगे की पुरानी मामले है. जब इस बात की खबर प्रमुखता से लगाने की बात कही तो अधिकारी चुप्पी साध ली और मामले को लेकर अधिकारियों ने बातें टाल मटोल करते हुए नजर आए मामला पुराना है संबंधित मामले को लेकर हमारे संवाददाता को खबर ना लगाने की आग्रह करने लगे किन्तु खबर को खबर प्रमुखता से प्रकाशित करने के बाद आबकारी अधिकारियो ने मामला ज्यादा ना बढ़ जाए कह आनन फ़ानन कार्यवाही करते हुये आज दिनांक 4 अक्टूबर को कुछ कर्मचारी को ब्लैकलिस्टेड कर दिया किन्तु उसमे से कृष्ण कुमार रजक, सुपरवाइजर व सुनील चंद्राकर मल्टी वर्कर इन दो कर्मचारी को बचाया गया उक्त कर्मचारीयों ने हमारी मीडिया के साथियो से बात हुआ तो बातें कई संदिग्ध बातें छन कर आया शराब बनाने वाले मैनेजर कृष्ण कुमार रजक द्वारा स्वयं ही शराब पर पानी मिलाने और शराब की बोतल तथा ढक्कन सुनील चंद्राकर द्वारा लाकर देने की बात अधिकारियो के समक्ष कबूल किया था मगर उन दोषियो को छोड़ दिया और बाकी पर कार्यवाही करना विभागीय अधिकारियो कर्मचारीयों का कपट पूर्ण कार्यवाही को दर्शाता है उक्त कर्मचारियों को वहां से तबादला और हटा देने का धमकी देते हुए शराब पर पानी मिलाने की दबाव बनाकर कार्य करने के लिए बाध्य किया गया था नतीजा क्या की एक दिन मौके में मिलावटखोरों पकड़ लिया गया कहीं ना कहीं यह बड़ा मामला है और उसको बचाने के लिए लगातार कार्यवाही करने के साथ-साथ जो कर्मचारी काम कर रहे थे उनको ही ब्लैकलिस्टेड कर दिया गया बल्कि उनको संरक्षण देने वाले को रख लिया गया कहते हुए अपनी आप बीती और उक्त मामले की जानकारी को दी बहर हाल आब देखने वाली बात यह होगी की खबर के असर के बाद तो ब्लैकलिस्टेड की कार्यवाही विभागीय अधिकारी तो कुछ लोगों पर किया बाकी दो लोगों पर मेहरबानी का रहस्य क्या है यह एक बड़ा संदेह का विषय है वहीं दूसरी ओर उच्च स्तरीय जांच की मांग पीड़ित ब्लैकलिस्टेड कर्मचारियों की मांग है। कहीं नहीं कहीं विगत दो-तीन महीने से लगातार इस तरीके से शराब में पानी की मिलावटी करना और अतिरिक्त शराब बनाने का कारोबार करने की भी बात ब्लैकलिस्टेट कर्मचारियों ने हमारे संवाददाता को दी हाला की इस बात की कोई साक्ष्य उक्त कर्मचारियों ने हमारे संवाददाता को नही दी है बल्कि विभागीय अधिकारी कर्मचारियों का पूरी सह के बगैर यह संभव हो ही नहीं सकता है कहीं ना कहीं उनका संरक्षण होना इस बात की पुष्टि करता है अन्यथा अपराध करने से पहले ही उक्त दो कर्मचारियों पर भी कार्यवाही होता क्योंकि मैनेजर को 24 घंटे ड्यूटी के दौरान में वहां पर उपस्थित होना अनिवार्य रहने का आदेश पूर्व प्रभारी आबकारी नितिन कुमार खंडूजा के द्वारा आदेश जारी किया गया था किंतु मैनेजर वहां अनुपस्थित पाया गया और उनके अनुपस्थिति में ही उन पर कार्यवाही नही करना कहीं ऐसा तो नहीं कि अपने आप को बचाने और उन बेगुनाह कर्मचारियों को फसाने के लिए ब्लैकलिस्टेड करने के लिए यह एक बड़ा षड्यंत्र तो नहीं था।
*सीसी फुटेज के आधार पर कार्रवाई करने की बात करने वाली आबकारी निरीक्षक सवालों के घेरे में*
आबकारी अधिकारी एवं सहायक आबकारी सहित मंदिरा दुकान प्रभारी निरीक्षक से हमारे संवाददाता उक्त कार्रवाई के संबंध में बात करना चाहा और पक्ष जानना चाहा किंतु उनके द्वारा चुप्पी साध ली गई और विधिवत तरीके से कार्रवाई करने की बात कही, वहीं दूसरी ओर ब्लैकलिस्टेड कर्मचारियों के द्वारा लगातार आरोप लगाया जा रहा है उसे आरोप में बातें स्पष्ट हो रही है कि मैनेजर और मल्टी कर्मी के द्वारा ही दबाव पूर्ण शराब का मिलावट कर तथा सीसी और ढक्कन लाने की बात कह रहे हैं फिर भी से उक्त कर्मचारियों को उपस्थित नहीं है का करके उनको बक्सा जा रहे हैं उनका संरक्षण दिया जा रहा है या मिली भगत को स्पष्ट करता है वहीं सहायक आबकारी अधिकारी नितिन कुमार खंडूजा अपनी बातों में स्पष्ट इसको कहते हैं कि मैनेजर का रहना भट्टी में अनिवार्यता है का आदेश जारी किया गया था किंतु उक्त घटना के दिनांक में आबकारी अधिकारी जब मौके में पहुंचते हैं तो मैनेजर वहां से नदारत मिलते हैं और बाकी कर्मचारियों को काम करते पकड़कर कंट्रोल रूम ले जाकर कार्यवाही का दिखावा करते हुए सिर्फ पांच कर्मचारियों पर कार्यवाही और दो लोगों पर मेहरबानी जिसमें मैनेजर कृष्ण कुमार रजक व सुनील चंद्राकर मल्टी वर्कर को बचाना संदेह का विषय बना हुआ है।
*यह था पूरा मामला विस्तार से पढ़े*
बीते 21 सितंबर को आबकारी विभाग की प्लेसमेंट कंपनी की शराब में पानी मिलावट की आशंका पर जिला मुख्यालय पिकरी स्थित देसी शराब मंदिर दुकान में छापामार करवाई जिसमें प्लेसमेंट कंपनी उड़न दस्ता के द्वारा मौके पर शराब दुकान की कर्मचारियों को शराब में पानी मिलाते पकड़ लिया इसके पश्चात देशी शराब दुकान के मैनेजर कृष्ण कुमार रजक से लेकर पूरे कर्मचारी को शराब दुकान से उठाकर मुख्यालय स्थित वेयरहाउस में लेकर पहुंचे जहां पर कर्मचारियों को लगभग 4 से 5 घंटा बैठक रखे हुए थे। प्लेसमेंट कंपनी तथा दुकान प्रभारी आबकारी निरीक्षक मीणा भंडारी के बीच घंटो वार्तालाप होने के बाद समझौता नहीं होने की स्थिति पर देशी शराब दुकान से उठा कर लाए मैनेजर सहित 7 कर्मचारी में से पांच कर्मचारियों के ऊपर ब्लैकलिस्टेड की कार्यवाही की गई। और शराब भट्टी के मैनेजर कृष्ण कुमार तथा मल्टी सेल्समैन सुनील कुमार चंद्राकर के ऊपर रहमत बरसते हुए छोड़ दिया गया। जिससे ब्लैकलिस्टेड कर्मचारियों में काफी आक्रोश देखी जा रही है जो बीते शुक्रवार को कलेक्टर कार्यालय परिसर के आसपास अपने ऊपर हुए एक तरफा कार्रवाई के खिलाफ जिला कलेक्टर को आवेदन सौंपकर शिकायत करने की नीयत से घूम रहे थे जिस पर हमारे संवाददाता की नजर पड़ी और बीते 21 सितंबर को शराब मैं पानी मिलावट पर विभाग के द्वारा की गई कार्यवाही की जानकारी लेने पर यह पूरा वाक्या निकलकर सामने आया। एक के बाद एक सभी ब्लैकलिस्टेड कर्मचारियों ने अपनी ऊपर घटित घटना की विस्तार पूर्वक जानकारी मीडिया के संवाददाता को दी। तब पूरी घटना निकलकर सामने आई कि किस तरह उच्च अधिकारियों के दबाव में शराब दुकान के कर्मचारी कार्य करने मजबूर है। ऐसी वाक्या सुनकर यह लगने लगा है कि जिले के आबकारी विभाग के उच्च अधिकारी अपनी अधिकारीगिरी का धौंस दिखाकर जिले के तमाम मदिरा दुकान में शराब में पानी मिलाने का कार्य कराया जा रहा है। वस्तुतः पूरे जिले में उड़ान दस्तक के माध्यम से शराब दुकानों पर छापा मार कार्यवाही की जाए तो निश्चित तौर पर विभाग में चल रहे भ्रष्टाचार की खुलासा होने में तनिक भी समय नहीं लगने जैसी आशंकाएं लोगों के मन में चल रहा है।
*मंदिरा दुकान प्रभारी व सहा.आबकारी अधिकारी द्वारा पकड़े गए शराब में पानी मिलावट के मामले पर पांच पर कार्यवाही व दो आरोपियों को छोड़ने पर संदेह के दायरे में अधिकारियों की कार्यशैली*
जब पांच ब्लैक लिस्टेड हुए मदिरा दुकान के कर्मचारी से चर्चा की गई तब उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि हम पांच कर्मचारियों के ऊपर ही ब्लैकलिस्टेड की कार्यवाही की गई है किंतु हमारे साथ देसी मदिरा दुकान के सुपरवाइजर कृष्णा रजक एवं मल्टी वर्कर सुनील चंद्राकर के साथ होने पर भी उनके ऊपर कार्यवाही ना होना कहीं ना कहीं दुकान प्रभारी वीणा भंडारी तथा सहायक आबकारी अधिकारी नितिन खंडूजा की कपट पूर्ण कार्यवाही की नीयत को दर्शाता है और आगे कर्मचारियों ने जानकारी देते हुए बताया कि हमें देशी शराब मंदिरा दुकान पिकरी के मैनेजर कृष्णा रजक ने बयान देते हुए स्वयं शराब में पानी मिलावटी करने की बात कबुल किया उस वक्त दुकान प्रभारी वीणा भंडारी के स्वयं मौजूद थी द्वारा शराब में पानी मिलाने बोला गया है, जिसके तहत ही हम कर्मचारियों के द्वारा शराब में पानी मिलाने का कार्य कर रहे थे। यह बात हम नहीं बल्कि ब्लैकलिस्टेड कर्मचारियों ने हमारे संवाददाता को अपनी व्यक्त किया।
*क्षेत्रीय विधायक दीपेश साहू ने अवैध शराब बिक्री को लेकर सहायक आबकारी अधिकारी को दी थी चेतावनी, अधिकारी नहीं आ रहे हैं बाज़*
पूर्व में भी क्षेत्रीय विधायक दीपेश साहू जब बेरला क्षेत्र की दौरे पर थे और उनको अवैध शराब बिक्री की जानकारी ग्रामीणों से प्राप्त होने पर तत्काल दूरभाष के माध्यम से मोबाइल की स्पीकर खोलकर ग्रामीणों के समक्ष जमकर फटकार लगाई थी, जिस पर सहायक आबकारी अधिकारी नितिन खंडूजा ने क्षेत्र में अवैध शराब बिक्री पर पूर्णतः रोक लगनी हामी भरी थी, जिसकी समाचार जिले के तमाम अखबारों में प्रमुखता से देखी गई थी, उसके बाद भी आबकारी विभाग में शराब में पानी मिलने जैसी और संवैधानिक कार्य होना कहीं ना कहीं क्षेत्रीय विधायक दीपेश साहू के बातों को अनसुना करता नजर आ रहा है वही शासन को भी लाखों रुपए का चौपट लगाने में हर सम्भव प्रयास विगत दो से तीन महिनों तक करते रहे हैं। ऐसे में देखना होगा कि क्षेत्रीय विधायक दीपेश साहू इस मुद्दे पर अपनी क्या प्रतिक्रिया व्यक्त करते हैं क्षेत्र की जनता को इंतजार रहेगा।
*वर्शन*
जिला मुख्यालय के पिकरी में संचालित देसी मदिरा दुकान में शराब में पानी मिलने का मामला प्रकाश में आया था जिस पर मैंने जिला आबकारी अधिकारी को जांच के लिए निर्देशित किया था और जांच उपरांत मदिरा दुकान के पांच कर्मचारियों के ऊपर ब्लैकलिस्टेड की कार्रवाई की गई थी अगर इस कार्यवाही में अन्य साथी शामिल थे और छूट गए हैं तो मैं पुनः एक बार जिला आबकारी अधिकारी से चर्चा कर जांच करने पश्चात कार्यवाही करने कहूंगा दोषी बिल्कुल ही बक्सा नहीं जाएगा- *रणबीर शर्मा, जिला कलेक्टर बेमेतरा।*