छत्तीसगढ़टॉप न्यूज़दुनियादेशराज्यरायपुरलोकल न्यूज़

बौद्ध संस्कृति के अनुसार दीपावली की शुरूआत कैसे हुई

mookpatrika.live

    विशेष लेख

(प्रीत लाल कुर्रे )

दैनिक मूक पत्रिका रायपुर – अब सेे 2500 वर्ष पूर्व भगवान् सिद्धार्थ गौतम बुद्ध को बोध गया में बोधि वृक्ष के नीचे ज्ञान की प्राप्ति हुई थी और वे सिद्धार्थ से बुद्ध बन गए थे। बुद्ध ज्ञान प्राप्ति करने के बाद जब कपिलवस्तु वापस आये तो बुद्ध के समर्थकों ने गौतम बुद्ध के स्वागत में हजारों-लाखों दीप जलाकर दीप दानोत्सव मनाई थी।

सम्राट अशोक भी देश में बौद्ध धम्म को स्थापित करने के बाद बुद्ध वचनों के प्रतीक रूप में चौरासी हज़ार विहार और स्तूपों का निर्माण करवाऐ और सभी निर्माण पूर्ण हो जाने के बाद अशोक महान ने कार्तिक अमावश्या को एक भब्य उद्घ घाटन महोत्सव का आयोजन किया। इस महोत्सव के दिन सारे नगर, द्वार, महल तथा विहारों एवं स्तूपों को दीप माला एवं पुष्प माला से अलंकृत किया गया तथा सम्राज्य के सारे नागरिकों ने इसे एक त्यौहार के रूप में हर्सोल्लास के साथ मनाया। सम्राट अशोक ने इस त्यौहार को “दीप दानोत्सव” नाम दिया । सम्राट अशोक के आदेश पर यह त्यौहार शुरू हुआ और आज तक देश में मनाया जाता है।

सम्राट अशोक के बाद सम्राट बृहाद्रथ के समय में भी यह त्यौहार पूरे उत्साह और खुशियों के साथ संपूर्ण भारत देश में मनाया जाता था। सम्राट अशोक द्वारा शुरू किया गया दीप दानोत्सव का महोत्सव एक त्यौहार के रूप में हर्सोल्लास के साथ मनाया जाता है।

घरों में स्तूप के प्रारुप में आँगन अथवा द्वार पर स्तूप बनाया जाता है। जिसे आज किला , घर कुंडा अथवा घरौंदा कहा जाता है इस दिन उपसोथ (भिक्खुओं के सानिध्य में घर अथवा विहार में धम्म कथा सुनना ) किया जाता और बुद्ध वंदना किया जाता है। भिक्खुओं को कल्याणार्थ दान दिए गए ।

दीप दानोत्सव दिवस के दूसरे दिन गोबर्धन पूजा होता है। गोबर्धन पूजा के एक दिन बाद बैल पूजा होता है यह सिन्धु घटी सभ्यता के समय के सांढ पूजा की परंपरा की मज़बूत कड़ी है ।

सम्राट अशोक के दीप दानोत्सव या दिपोत्सव का संबंध थाईलैण्ड के लोय कोरांग फेस्टिवल से भी मिलता है, जो कि आक्टोबर-नोव्हेंबर में मनाया जाता है। जिसमें लोग हजारों की संख्या में दीप जलाते हैं।

हिंदू धर्म के लोग इस दीपदनोत्सव को ही दीपावली के रुप में मनाते हैं

MOOK PATRIKA

राष्ट्रीय दैनिक मुक पत्रिका एक ऐसा न्यूज वेबसाइट है जिसके माध्यम से विभिन्न दैनिक समाचार पत्र एवं अन्य पत्रिका को समाचार एवं फोटो पिक्चर की सेवाएं न्यूनतम शुल्क के द्वारा भी अन्य पाठकों को भी फेसबुक व्हाट्सएप यूवटुब व अन्य संचार के माध्यम से प्रतिदिन समय समय पर न्यूज़ भेजा जाता है

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!