जिले में अधिकारियों द्वारा गिरदावरी सत्यापन कार्य जारी
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दैनिक मूक पत्रिका बेमेतरा – खरीफ फसल 2024-25 में किसानों द्वारा लगाए धान फसल की वास्तविक गिरदावरी संबंधित पटवारियों के माध्यम से किया। अब छत्तीसगढ़ के बेमेतरा जिले में अधिकारियों द्वारा गिरदावरी सत्यापन का कार्य सक्रियता से किया जा रहा है। गिरदावरी कार्य में पारदर्शिता लाने के लिए ही गिरदावरी सत्यापन किया जा रहा है। पटवारियों द्वारा संपादित वास्तविक गिरदावरी कार्यों को शत्-प्रतिशत शुद्ध करने के लिए गिरदावरी का सत्यापन के लिए जिले के विभिन्न विभागों के अधिकारी, कर्मचारियों को अधिकृत किया गया है। ताकि किसी प्रकार की त्रुटि की गुंजाइश ना रहे । फसल गिरदावरी व फसल सत्यापन का कार्य जीपीएस आधारित मोबाइल एप्लिकेशन के माध्यम से किया जा रहा है । इस कार्य के लिए पहले अधिकारियों- कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया गया था ।
इस कार्य में जिले के डिप्टी कलेक्टर से लेकर अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) सर्वश्री घनश्याम तंवर, मुकेश गोड़, सुश्री पिंकी मनहर, और जिला खाद्य अधिकारी गणेश कुर्रे और विभिन्न विभागों के अधिकारियों ने आज गिरदावरी सत्यापन किया । गिरदावरी सत्यापन की इस प्रक्रिया का मुख्य उद्देश्य फसल की स्थिति का वास्तविक आकलन करना है, ताकि किसानों को उचित समर्थन उपलब्ध कराया जा सके।
गिरदावरी सत्यापन के तहत अधिकारियों द्वारा खेतों का दौरा किया जा रहा है, जहां वे फसल की गुणवत्ता, भूमि की स्थिति और उत्पादन की संभावनाओं का मूल्यांकन कर रहे हैं। इस सत्यापन प्रक्रिया से सरकार को वास्तविक डेटा प्राप्त होगा, जिससे कृषि नीतियों को सही दिशा में क्रियान्वित किया जा सकेगा।
गिरदावरी सत्यापन के लिए जिन अधिकारी-कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है। उन्हें 9 नवंबर 2024 के पहले सत्यापन कार्य पूर्ण करना है ।उक्त कार्य हेतु पटवारियों,ग्राम पंचायत के सचिवों की भी ड्यूटी लगी है। सभी जनपद सीईओ यह ध्यान देने कहा है कि ग्राम पंचायत सचिव निर्धारित अवधि तक सत्यापन कार्य पूर्ण करना सुनिश्चित करें ।
किसानों ने भी इस पहल की सराहना की है, क्योंकि इससे उन्हें सही समय पर सरकारी सहायता प्राप्त होने की उम्मीद है। इस कार्य के दौरान अधिकारियों द्वारा गांव-गांव जाकर व्यक्तिगत रूप से किसानों से मुलाकात की जा रही है, ताकि किसी प्रकार की गलत जानकारी सामने न आए और उन्हें सही लाभ मिल सके।सरकार की इस पहल से कृषि क्षेत्र में पारदर्शिता बढ़ेगी और किसानों को उनकी मेहनत का उचित मूल्य मिल सकेगा