भारतीय आईटी क्षेत्र में भर्ती में मंदी का अनुमान, आगामी वर्षों में वृद्धि की गति में कमी
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दैनिक मूक पत्रिका –भारत के सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) सेवा उद्योग में वित्त वर्ष 2025-26 की दूसरी छमाही तक नियुक्तियों की रफ्तार धीमी रहने की संभावना है। साख निर्धारण करने वाली एजेंसी इक्रा लिमिटेड की एक रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका में नई सरकार के गठन के साथ कुछ नीतिगत अनिश्चितताएं उत्पन्न हो सकती हैं, जिससे आईटी सेवा कंपनियों की भर्ती प्रक्रिया प्रभावित हो सकती है।रिपोर्ट में यह उल्लेख किया गया है कि अमेरिका और यूरोप के प्रमुख बाजारों में ग्राहकों के विवेकाधीन प्रौद्योगिकी खर्च में कमी आने के कारण भारतीय आईटी सेवा कंपनियों को पिछले छह से आठ तिमाहियों में कम मांग का सामना करना पड़ा है। इसके साथ ही, कर्मचारियों द्वारा कम संख्या में नौकरी छोड़ने और कर्मचारियों के अधिकतम उपयोग पर ध्यान केंद्रित करने के कारण भी भर्ती प्रक्रिया में मंदी आई है।
हालांकि, रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि वित्त वर्ष 2024-25 की दूसरी तिमाही में कुछ सुधार देखा गया है, लेकिन इक्रा का अनुमान है कि वित्त वर्ष 2025-26 की दूसरी छमाही तक वृद्धि की गति बढ़ने तक नियुक्तियों की संख्या में उतनी वृद्धि नहीं होगी।
मुख्य कारक:
- अमेरिका और यूरोप में मंदी: पिछले कुछ तिमाहियों में, अमेरिका और यूरोप के बाजारों में ग्राहकों के विवेकाधीन प्रौद्योगिकी खर्च में कमी आई है, जिसका सीधा असर भारतीय आईटी कंपनियों की मांग पर पड़ा है।
- कम नौकरी छोड़ने की दर: कर्मचारी कम संख्या में नौकरी छोड़ रहे हैं, जिससे नई नियुक्तियों की आवश्यकता कम हो गई है।
- कर्मचारी उपयोग में अधिक ध्यान: कंपनियां अपने मौजूदा कर्मचारियों के अधिकतम उपयोग पर जोर दे रही हैं, ताकि भर्ती के बजाय उन्हें अधिक उत्पादक बनाया जा सके।
आने वाला बदलाव – जनरेटिव एआई का प्रभाव: रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि जनरेटिव एआई के तेजी से बढ़ने के कारण सभी प्रमुख आईटी सेवा कंपनियां अपने कर्मचारियों को नए कौशल प्रदान करने पर ध्यान केंद्रित कर रही हैं। एआई-संचालित व्यावसायिक अवसरों का पता लगाने के कारण नई नियुक्तियों में कमी आने की संभावना है, खासकर कोविड-19 महामारी के पहले के स्तरों की तुलना में।
निष्कर्ष: आईटी सेवा कंपनियों को आगामी समय में कुछ चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है, लेकिन जनरेटिव एआई और अन्य तकनीकी प्रगति से वे अपने कर्मचारियों को नए कौशल के साथ तैयार करने पर जोर दे रहे हैं। इस तकनीकी बदलाव के बावजूद, रिपोर्ट के मुताबिक भर्ती की गति में सुधार होने में समय लगेगा।