जनजाति समाज का गौरवशाली अतीत” पर कार्यशाला का हुआ आयोजन
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दैनिक मूक पत्रिका अम्बिकापुर – छत्तीसगढ़ शासन उच्च शिक्षा विभाग एवं संत गहिरा गुरु विश्वविद्यालय सरगुजा अंबिकापुर छत्तीसगढ़ के निर्देशानुसार सरस्वती शिक्षा महाविद्यालय सुभाषनगर अंबिकापुर के राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई के द्वारा “जनजाति समाज का गौरवशाली अतीत” विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. श्रद्धा मिश्रा के मार्गदर्शन एवं कार्यक्रम अधिकारी (रा. से. यों.)श्रीमती रानी रजक के नेतृत्व मे करायी गयी। कार्यक्रम मे मुख्य वक्ता के रूप मे इन्दर भगत प्रदेश प्रवक्ता, जनजाति गौरव समाज, छत्तीसगढ़ एवं सह सयोजक जनजाति सुरक्षा मंच उपस्थित हुए।कार्यक्रम का शुभारंभ सर्वप्रथम अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलित कर किया गया,तत्पश्चात यहाँ उपस्थित सभी अतिथियों का जीवंत पौधा & श्रीफल देकर स्वागत कराया गया। तथा बी. एड प्रशिक्षणार्थियों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम किया गया।
तत्पश्चात कार्यक्रम का परिचय दिया गया कि वर्तमान भारत के निर्माण में भारतीय जनजातीय समाज ने अपना अभूतपूर्व योगदान दिया है। अतीत से लेकर वर्तमान तक इन जनजातीय समाजों का गौरवशाली इतिहास है। इस समाज ने अपनी कर्मठता, सहजता, सरलता और सत्य निष्ठा के लिए विश्व में ख्याति अर्जित की है । प्रकृति के साथ जीवन जीते इस समाज में औषधीय पहचान की अद्भुत क्षमता है। विकास के विभिन्न दौर से गुजर कर जनजातीय समाज ने उन्नति के चरम उत्कर्ष का स्पर्श कर लिया है। ज्ञान का अतुलनीय भण्डार लिए आदिवासी समाज का देश की उन्नति में विशिष्ट योगदान है।तत्पश्चात मुख्य वक्ता का उद्धबोधन कराया गया, उन्होंने बहुत अच्छे और कम शब्दों मे जनजाति समाज के गौरवशाली अतीत से परिचय कराया, उनके द्वारा बताया गया कि आज जनजातीय समाज के गौरवशाली इतिहास को दुनिया के सामने लाने की जरूरत है ताकि हमारी पीढिय़ाँ हमारे पूर्वजों के गौरवशाली इतिहास को जान सके और अपनी सभ्यता संस्कृति परम्परा पर गर्व कर सके। हमारे देश में आदिवासी समाज का गौरवशाली अतीत है। इस समाज ने ऐतिहासिक सामाजिक एवं आर्थिक योगदान से देश को परिपुष्ट किया है यह समाज वीरों एवं वीरांगनाओं की बलिदानी गाथा से उर्वर है। हमें जनजातीय समाज की पुरातन परम्पराओं एवं ज्ञान को पुनर्जीवित करने की आवश्यकता है जिससे भावी पीढ़ी जनजातीय समाज की सामाजिक पृष्ठभूमि से अवगत हो सके । तत्पश्चात महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. श्रद्धा मिश्रा द्वारा बताया गया कि जनजातीय समाज की गौरवगाथा पुस्तकाकार में जन-जन तक लाने की जरूरत है ताकि हमारी पीढ़ी को हमारे आदिवासी समाज की सभ्यता, संस्कृति एवं राष्ट्रीय चेतना, राष्ट्रीय एकता, राष्ट्र जागरण एवं भारत माता को गुलामी की बेड़ी तोडऩे में किए गए योगदान की जानकारी हो सके। तथा आभार व्यक्त कर कार्यक्रम का समापन किया गया। कार्यक्रम मे महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. श्रद्धा मिश्रा एवं कार्यक्रम अधिकारी (रा. से. यों.)श्रीमती रानी रजक, शैक्षणिक कर्मचारी श्रीमती प्रीति साहू, श्रीमती राधिका चौहान, सुश्री सविता यादव, सुश्री सीमा बंजारे, सुश्री पूजा रानी अशैक्षणिक कर्मचारी श्रीमती गोल्डन सिंह, नितेश कुमार यादव, सुन्दर राम एवं स्वयं सेवकों की उपस्थिति रही