नवंबर 2024 में निर्यात में 4.85 प्रतिशत की गिरावट, व्यापार घाटा 37.84 अरब डॉलर के रिकॉर्ड स्तर पर
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दैनिक मूक पत्रिका- भारत का निर्यात नवंबर 2024 में 4.85 प्रतिशत घटकर 32.11 अरब डॉलर रह गया, जबकि सोने के आयात में रिकॉर्ड वृद्धि के कारण व्यापार घाटा बढ़कर 37.84 अरब डॉलर के अब तक के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया। वाणिज्य मंत्रालय द्वारा सोमवार को जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार, इस गिरावट के बावजूद आयात में भी वृद्धि देखी गई, जो कुल 69.95 अरब डॉलर के रिकॉर्ड स्तर तक पहुंच गया।
निर्यात और आयात का आंकड़ा
- निर्यात: नवंबर में भारत का निर्यात 4.85 प्रतिशत घटकर 32.11 अरब डॉलर रहा।
- आयात: नवंबर में आयात 27 प्रतिशत बढ़कर 69.95 अरब डॉलर के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया। इसमें वनस्पति तेल, उर्वरक और चांदी का आयात प्रमुख रूप से बढ़ा।
- स्वर्ण आयात: नवंबर में स्वर्ण आयात 14.8 अरब डॉलर रहा, जो अब तक का सबसे अधिक आंकड़ा है।
- पेट्रोलियम उत्पादों का निर्यात: पेट्रोलियम उत्पादों का निर्यात 50 प्रतिशत गिरकर 3.77 अरब डॉलर रह गया।
चालू वित्त वर्ष के आंकड़े
चालू वित्त वर्ष (अप्रैल-नवंबर 2024) में भारत का निर्यात 21.7 प्रतिशत बढ़कर 328.43 अरब डॉलर तक पहुंच गया, जबकि आयात में 8.35 प्रतिशत वृद्धि के साथ यह 486.73 अरब डॉलर रहा।
पेट्रोलियम और कच्चे तेल का आयात
- कच्चे तेल का आयात 7.9 प्रतिशत बढ़कर 16.11 अरब डॉलर हो गया, जबकि पेट्रोलियम की कीमतों में उतार-चढ़ाव का असर निर्यात पर देखा गया।
- इस अवधि में पेट्रोलियम उत्पादों का निर्यात लगभग 50 प्रतिशत गिरा, जो निर्यात की वृद्धि दर को प्रभावित करता है।
वाणिज्य मंत्रालय की योजना
वाणिज्य मंत्रालय ने इस स्थिति से निपटने के लिए एक रणनीति तैयार की है। अगले साल जनवरी में मंत्रालय विदेशों में भारतीय दूतावासों के साथ बैठक करेगा और 20 प्रमुख देशों में निर्यात वृद्धि की रणनीति पर चर्चा करेगा। मंत्रालय का उद्देश्य अगले वित्त वर्ष 2024-2025 में निर्यात में और सुधार लाना है।
निर्यात में सुधार के लिए कदम
वाणिज्य मंत्रालय के सचिव सुनील बर्डवाल ने कहा कि इस समय निर्यात पर पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतों में उतार-चढ़ाव का असर देखा जा रहा है। मंत्रालय ने निर्यात बढ़ाने के लिए विभिन्न देशों में भारत के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए ठोस कदम उठाने का निर्णय लिया है।
निष्कर्ष
नवंबर 2024 में भारत का व्यापार घाटा बढ़कर 37.84 अरब डॉलर तक पहुंच गया है, जो एक रिकॉर्ड है। आयात में वृद्धि और निर्यात में कमी ने व्यापार घाटे को प्रभावित किया है। मंत्रालय इस स्थिति को सुधारने के लिए निर्यात को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न रणनीतियों पर काम कर रहा है, ताकि आने वाले महीनों में व्यापार घाटे को नियंत्रित किया जा सके और निर्यात की वृद्धि सुनिश्चित की जा सके।