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प्रधानमंत्री आवास योजना से हो रहा स्लम बस्तियों का जीर्णोद्धार…!

अंबिकापुर – नगर पालिक निगम अंबिकापुर में वार्ड नंबर 13 झंझटपारा और वार्ड नंबर 06 खालपारा में आज से कुछ वर्ष पहले तक सिर्फ झुग्गी झोपड़ी ही दिखाई पड़ती थी। कच्चे,घास फूस और तंबू वाले मकानों की जगह आज प्रधानमंत्री आवास अंतर्गत बने सर्वसुविधायुक्त पक्के मकान ने ले ली है। यह योजना गरीब, असहाय और कच्चे मकानों में रहने वाले लोगों के लिए वरदान साबित हो रही है। यहां के सभी पुरुष मजदूर, सफाई कर्मचारी, या ठेला लगाकर और महिलाएं मजदूरी, और दूसरों के घरों पर झाड़ू, पोछा और बर्तन का काम करके अपना और परिवार का जीवन यापन करते है। प्रधानमंत्री आवास के साथ शौचालय, पानी, बिजली सहित सारी सुविधा अब इन्हें मिल रही है। लाभान्वित हितग्रहियों का कहना है कि जब कच्चे का मकान था तब उनके बच्चे, पत्नी और स्वयं दोस्तों को अपने घर कभी नही बुला पाते थे। मकान ऐसी जर्जर हालत में थी कि भिखारी भी भीख लेने से कतराते थे। परिवार वालों ने भी साथ छोड़ दिया था। बारिश के दिनों में कभी कभी दीवार भी गिर जाया करती थी। बच्चे बारिश और ठंड के दिनों में अक्सर बीमार हो जाते जिससे उनके काफी पैसे खर्च हो जाते थे। बचत कर जमा की गई कुछ राशि भी कच्चे मकान के मरम्मत में खर्च हो जाते हैं। ऐसे में पक्का मकान निर्माण करना मुश्किल था। गरीब परिवारों के ऐसे ही मुसीबतों से उबारने और उनके टूटते सपनों को सच करने का बीड़ा भारत सरकार ने उठाया है।

खालपारा और झंझटपारा के स्लम बस्तियों में कुल मिलकर 112 आवास की स्वीकृति शासन से मिली थी जिसमें से 95 आवास बनकर पूर्ण हो चुके है शेष 17 आवास निर्माणाधीन है जो जल्दी ही पूरे कर लिए जाएंगे। इन लोगों को सारी समस्यायों से निजात मिल चुकी है। समाज में इनका रुतबा और वर्चस्व बढ़ा है। बच्चों की पढ़ाई एक स्वस्थ्य माहौल में हो रही है। साथ ही विवाह योग्य युवक युवतियों का रिश्ता भी अब अच्छे घरों से आने लगा है। अंबिकापुर निकाय में मोर जमीन मोर मकान अंतर्गत 5266 आवास की स्वीकृति शासन से मिली थी जिसमें 4000 आवास पूर्ण हो चुके है शेष 1266 आवास निर्माणाधीन है।

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