छत्तीसगढ़टॉप न्यूज़दिल्ली NCRदुनियादेशबेमेतरा /कवर्धाराज्यरायपुरलोकल न्यूज़

महिला एवं बाल विकास विभाग ने आयोजित की जिला स्तरीय प्रशिक्षण कार्यशाला

 

दैनिक मूक पत्रिका बेमेतरा– कलेक्टर रणबीर शर्मा के निर्देशन और जिला कार्यक्रम अधिकारी चंद्रबेश सिंह सिसोदिया के नेतृत्व में जिले में कुपोषण को कम करने के लिए महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया। 16 जनवरी 2025 को जिले में समस्त परियोजना अधिकारी और सेक्टर पर्यवेक्षकों का एक दिवसीय जिला स्तरीय प्रशिक्षण सह-कार्यशाला आयोजित की गई। इस कार्यशाला का उद्देश्य जिले में कुपोषण की समस्या को गंभीरता से लेते हुए इसके समाधान के लिए ठोस कदम उठाना था। कार्यशाला में जिला कार्यक्रम अधिकारी चंद्रबेश सिंह सिसोदिया और जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी सी.पी. शर्मा ने विभागीय अधिकारियों और कर्मचारियों को प्रशिक्षित किया। इस प्रशिक्षण का मुख्य विषय “हमर स्वास्थ्य लइका अभियान”, समुदाय आधारित कुपोषण प्रबंधन, प्रसव पूर्व देखभाल और प्रसव पश्चात शिशु और माताओं की देखभाल पर आधारित था। कार्यशाला के दौरान यह निर्देश दिए गए कि हर सेक्टर में इन विषयों पर पाठशालाओं का आयोजन किया जाएगा। इन निर्देशों के अनुरूप, 17 जनवरी 2025 को जिले की सभी 6 परियोजनाओं के 46 सेक्टरों में 1178 आंगनबाड़ी केंद्रों की कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण सह कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला के अंतर्गत आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को पोषण, स्वास्थ्य और सुरक्षा से जुड़े विषयों पर जानकारी दी गई, जिसका उद्देश्य कुपोषण को खत्म करने और महिलाओं और बच्चों में एनिमिया जैसी समस्याओं से निपटना था।

इस अभियान के तहत कुपोषित बच्चों के परिवारों में जाकर जागरूकता अभियान चलाने का निर्देश दिया गया। इस सुपोषण भेट में सरपंच, पंच, जनप्रतिनिधि, महिलाओं और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की सहायता से सुपोषण के महत्व को बताया जाएगा। जागरूकता में यह बताया गया कि 6 माह तक बच्चों को केवल स्तनपान कराएं, 6 माह के बाद उन्हें घर के बने भोजन को मसलकर खिलाना शुरू करें और धीरे-धीरे उन्हें ठोस आहार दें। गर्भवती महिलाओं को नियमित वजन, टीकाकरण, आयरन, कैल्शियम और फोलिक एसिड के सेवन के महत्व को भी समझाया गया।
इसके अलावा, बाल विवाह को रोकने और कुपोषण की जड़ों को समाप्त करने पर भी जोर दिया गया। स्वस्थ बालक के विकास के लिए सुपोषण के 5 महत्वपूर्ण सूत्र बताए गए जिनमे पहले 1000 दिनों में शारीरिक और मानसिक विकास। विटामिन C युक्त आहार। आयरन, कैल्शियम, IFA सिरप और एलबेंडाजोल की नियमित खुराक। दस्त के दौरान ORS और जिंक का सेवन। व्यक्तिगत और पर्यावरणीय स्वच्छता का पालन आदि शामिल हैं |
कार्यशाला में “एक पेड़ मां के नाम” अभियान के तहत कुपोषित बच्चों के घरों में जाकर सुपोषण ट्री मुनगा पौधा लगाने का निर्देश दिया गया। मुनगा और अन्य स्थानीय पौधों जैसे अलसी, रागी, चौलाई, पालक आदि के सेवन के फायदे बताए गए। इसके साथ ही मौसमी फल, चना, गुड़, अंडा, और पोषक तत्वों से भरपूर भोजन करने की सलाह दी गई। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य जन-समुदाय को पोषण के महत्व के प्रति जागरूक करना और एक सुपोषित समाज का निर्माण करना है।

MOOK PATRIKA

राष्ट्रीय दैनिक मुक पत्रिका एक ऐसा न्यूज वेबसाइट है जिसके माध्यम से विभिन्न दैनिक समाचार पत्र एवं अन्य पत्रिका को समाचार एवं फोटो पिक्चर की सेवाएं न्यूनतम शुल्क के द्वारा भी अन्य पाठकों को भी फेसबुक व्हाट्सएप यूवटुब व अन्य संचार के माध्यम से प्रतिदिन समय समय पर न्यूज़ भेजा जाता है

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!