धन्यवाद कलेक्टर और जिला शिक्षा अधिकारी दंतेवाड़ा
समाज में सार्थक बदलाव शिक्षा के माध्यम से ही संभव है

दैनिक मूक पत्रिका बेमेतरा – समाधान महाविद्यालय के संचालक डॉक्टर अवधेश पटेल ने प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से जानकारी देते हुए बताया कि उन्हें आमंत्रण पर छत्तीसगढ़ शासन की महत्वाकांक्षी परियोजना, और भारत देश के बेस्ट 100 प्रोजेक्ट में से एक एजुकेशन सिटी जवांगा, गीदम में बीते 15 फरवरी 2025 को 12th साइंस के 1000 से अधिक विद्यार्थियों से रूबरू होने का उन्हें कैरियर और परीक्षा की तैयारी के संबंध में मार्गदर्शन देने का अवसर मिला। मेरे लिए यह समय सुखद रहा।
2004 से पिछले 21 सालों से मुझे भारत के 15 से अधिक राज्यों में जाकर 500 से अधिक शैक्षणिक गैर शैक्षणिक संस्थानों, कॉरपोरेट्स में माइंड और मेमोरी पावर का ट्रेनिंग लेने का अवसर मिला है, दूरदर्शन में आकर संबोधित करने का अवसर मिला, परंतु एजुकेशन सिटी जवांगा गीदम में आना बहुत ही सुखद पल था यह ऐसे बच्चे हैं जो नक्सल प्रभावित क्षेत्र से हैं परंतु छत्तीसगढ़ शासन और मुख्य रूप से आज से 10,12 साल पहले अभी वर्तमान वित्त मंत्री ओ पी चौधरी जो उस समय के तत्कालीन कलेक्टर थे उन्होंने शिक्षा के लिए जो बेहतर प्रयास जवांगा एजुकेशन सिटी बनाकर शुरूआत किए यह अपने आप में देखने समझने योग्य है। यहां जिला प्रशासन शिक्षा के लिए अत्यंत सक्रिय और गंभीर है और प्रतिवर्ष इस तरह के बड़े-बड़े आयोजन के साथ नियमित और सतत प्रयास एक अच्छा शिक्षा का वातावरण देकर कर रहे हैं, कैसे यहां के बच्चे पीएससी में यूपीएससी में नीट, JEE, के माध्यम से मेडिकल क्षेत्र में, आईआईटी में सिलेक्ट लगातार हो रहे हैं, ये समझने योग्य है। बहुत सुखद महसूस हो रहा कि छत्तीसगढ़ में जिसे एक समय पिछड़ा या घोर नक्सल प्रभावित क्षेत्र माना जाता रहा है, अभी भी इसका असर है परन्तु पहले से काफी कम हो गई है। यहां शिक्षा के लिए जो सकारात्मक प्रयास किया जा रहा है वह देखने समझने योग्य है। बीते 16 फरवरी को आर्ट्स और कॉमर्स के 1000 से अधिक विद्यार्थियों को पुनः कैरियर और परीक्षा की बेहतर तैयारी कैसे करें विषय पर संबोधित किया। कार्यक्रम के बाद डीईओ अंबष्ट सर के आग्रह पर छू लो आसमान योजना के तहत NEET और JEE के तैयारी कर रहे 300 छात्रों और 300 छात्राओं को अलग अलग संबोधित करने का अवसर मिलेगा। इस सफल कैरियर मार्गदर्शन कार्यक्रम के संयोजक समाजसेवी प्रणीत सिम्हा और विश्वभारती कॉलेज के संस्थापक बड़े डॉ राकेश मिश्रा का सादर आभार जताया।