
दैनिक मूक पत्रिका – खैरागढ़. हाल ही में हुए वेटलैंड सर्वेक्षण में खैरागढ़ की अद्भुत जैव विविधता सामने आई है. यह क्षेत्र केवल झीलों और तालाबों का समूह नहीं है, बल्कि दुर्लभ प्रवासी पक्षियों, मछलियों और अनमोल जलीय पौधों का महत्वपूर्ण आश्रय स्थल भी है. हजारों किलोमीटर दूर से आकर पक्षी यहां विश्राम करने और भोजन के लिए रुकते हैं, जिससे यह क्षेत्र छत्तीसगढ़ के एक प्रमुख जैव विविधता हॉटस्पॉट के रूप में उभर रहा है.
वेटलैंड सर्वेक्षण का आयोजन छत्तीसगढ़ बायोडायवर्सिटी बोर्ड और खैरागढ़ वन विभाग के तत्वावधान में किया गया. शोधकार्य में शोधकर्ता समूह के प्रतीक ठाकुर, अंजल निगम, अमित पांडेय और रवि पांडेय की महत्वपूर्ण भूमिका रही, जबकि वानस्पतिक सर्वेक्षण का कार्य प्रसिद्ध वनस्पति वैज्ञानिक डॉ. फैज़ बक्स ने किया. सर्वेक्षण में 213 प्रजातियों के पक्षी दर्ज किए गए, जिनमें कई दुर्लभ प्रवासी पक्षी शामिल हैं. रूस से आने वाला कॉमन क्रेन यहां का सबसे खास पक्षी है, जिसे देखने के लिए देशभर से पक्षी प्रेमी और फोटोग्राफर यहां आते हैं.