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जीवन विद्या क्षेत्रीय सम्मेलन का सफल आयोजन

समाधान महाविद्यालय में ‘जीना उत्सवपूर्वक’ कार्यशाला संपन्न

 

दैनिक मूक पत्रिका बेमेतरा – जिला स्थित समाधान महाविद्यालय में दो दिवसीय जीवन विद्या क्षेत्रीय सम्मेलन का आयोजन 15 और 16 मार्च 2025 को किया गया। इस सम्मेलन में मूल्य शिक्षा, चेतना विकास, मध्यस्थ-दर्शन और मानवीय जीवन के वास्तविक उद्देश्यों पर गहन चर्चा हुई। इस आयोजन में छत्तीसगढ़ के 12 जिलों से आए प्रतिभागियों ने सक्रिय भागीदारी निभाई। इस सम्मेलन में अभिभावक विद्यालय एवं अभ्युदय संस्थान अछोटी, प्रेरणा विद्यालय, मानव तीर्थ किरीतपुर, समाधान महाविद्यालय बेमेतरा, अभिभावक विद्यालय रायपुर, अभिभावक विद्यालय उत्सवपारा (सांकरी, गुण्डरदेही), मानवीय शिक्षा शोध केंद्र (तेंदुवाही, महासमुंद), जागृति सेवा केंद्र (बुलाकी, रायगढ़), समाधान एकेडमी (बोडरा, धमतरी), स्वराज्य परिसर परिवार समूह (बीजाभाट, बेमेतरा), परिवार समूह केंद्र (आंवरी, चारामा), राजनांदगांव, पेंड्रा, सुहेला, धमतरी, पाली, कटघोरा और बिलासपुर से आए लोग शामिल हुए। समारोह के प्रारंभ में कल्पेश वरु (स्वराज्य परिसर परिवार समूह, बेमेतरा) ने मध्यस्थ-दर्शन की प्रासंगिकता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह दर्शन व्यक्ति को जीवन के वास्तविक मूल्यों की पहचान कराता है।कृषि वैज्ञानिक डॉ. संकेत ठाकुर (अभ्युदय संस्थान, अछोटी, दुर्ग) ने अपने उद्बोधन में बताया कि मध्यस्थ-दर्शन का ज्ञान श्रद्धेय बाबा ए. नागराज को साधना विधि से प्राप्त हुआ और यह समाज में परिवार मूलक स्वराज्य व्यवस्था स्थापित करने का मार्ग दिखाता है। सुरेंद्र पाल ने जीवन विद्या के महत्व पर चर्चा करते हुए कहा कि व्यक्ति को अपने विचारों और मानसिकता का मूल्यांकन करना चाहिए। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि मध्यस्थ-दर्शन का प्रचार-प्रसार तभी सार्थक होगा जब लोग इसे अपने जीवन में अपनाकर प्रमाणित आचरण प्रस्तुत करें। श्रीमती अनीता शाह (अभिभावक विद्यालय, रायपुर) ने सार्थक संवाद की भूमिका को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि व्यक्ति को अपने विचारों को स्नेहिल भाषा में व्यक्त करना चाहिए। सही भाषा समाज में संबंधों की पूरकता को सुनिश्चित करने में सहायक होती है।इनके अलावा श्रीमती निताशा त्यागी, पूनम साहू, एवं बसंत साहू ने अपना विचार व्यक्त किए।सम्मेलन के दूसरे दिन गेंदलाल कोकड़िया ने लोकव्यापीकार के लिए ज्ञान के दस्तावेजीकरण की आवश्यकता पर बल दिया और कहा कि समाधान, समृद्धि और अभयपूर्वक जीवन जीना ही वास्तविक प्रमाण है। इसके बाद, निष्ठा दीदी (पेंड्रा) ने निर्णय लेने की क्षमता और सत्यापन के महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि सही निर्णय लेने के लिए व्यक्ति को अपनी प्राथमिकताओं और मूल्यों का स्पष्ट ज्ञान होना आवश्यक है।

‘जीना उत्सव’ कार्यशाला: जीवन में सकारात्मक दृष्टिकोण का विकास

सम्मेलन के अंतिम दिन ‘जीना उत्सव’ विषय पर विशेष सत्र आयोजित किया गया, जिसमें अनामिका वरु (स्वराज्य परिसर, बेमेतरा), डॉ. संकेत ठाकुर (कृषि वैज्ञानिक, अभ्युदय संस्थान, अछोटी) और अंकित पोगुला (मानव तीर्थ, बेमेतरा) ने प्रबोधक के रूप में अपनी बात रखी। इस कार्यशाला में विशेष रूप से बेमेतरा शहर के गणमान्य नागरिक, समृद्धि विहार कॉलोनी के सदस्य, ग्राम फरी के सरपंच एवं पंच और शिक्षा क्षेत्र से जुड़े प्रतिष्ठित लोग उपस्थित रहे।

इस सम्मेलन में समाधान महाविद्यालय की अध्यक्ष डॉ. अलका तिवारी, डायरेक्टर अविनाश तिवारी, सहायक अध्यापक एवं कर्मचारीगण सहित जीवन विद्या के विभिन्न केंद्रों एवं परिवार समूहों के सदस्य उपस्थित रहे।

यह आयोजन मध्यस्थ-दर्शन आधारित मानवीय शिक्षा और व्यवस्था के प्रचार-प्रसार में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हुआ। यह सम्मेलन न केवल ज्ञान और विचारों के आदान-प्रदान का मंच बना, बल्कि समाज में मानवीय मूल्यों और संतुलित जीवन के प्रति नई जागरूकता उत्पन्न करने में भी सहायक साबित हुआ।

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