आशीष पदमवार
छत्तीसगढ़ शासन स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा शालाओं एवं शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया से काउंसलिंग पश्चात 78 शिक्षक विहीन स्कूलों में पदस्थापना कर शिक्षकों की पूर्ति की गई है। जिले में इस पदस्थापना के बाद कोई भी स्कूल शिक्षक विहीन नहीं हैं। इसी तरह एक हाईस्कूल जहां व्याख्याता के सभी पद रिक्त थे वहां हिन्दी एवं सामाजिक अध्ययन के व्याख्याताओं की पूर्ति की गई है।
जिला शिक्षा कार्यालय से मिली जानकारी अनुसार जिले में शिक्षा व्यवस्था को बेहतर और समावेशी बनाने के लिए शालाओं और शिक्षकों का युक्तियुक्तकरण स्कूल शिक्षा विभाग के निर्देशों के अनुरूप किया गया। जिले में 198 शिक्षक अतिशेष पाये गए जिनमें सहायक शिक्षक 104, प्रधान अध्यापक प्राथमिक शाला 13, शिक्षक 45, प्रधान अध्यापक माध्यमिक शाला 31 और व्याख्याता के 5 पद शामिल हैं। इन अतिशेष शिक्षकों मे से 189 शिक्षकों की पस्थापना शिक्षक विहीन एकल शिक्षकीय एवं आवश्यकता वाले संस्थाओं में कांउसलिंग के उपरांत की गई।
नई पदस्थापना आदेश के तहत 82 शिक्षकों को शिक्षक विहीन शालाओं में 44 शिक्षकों को एकल शिक्षकीय शालाओं में और 63 शिक्षको को सामान्य संस्थाओं में पदस्थापना किया गया।
युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया के बाद जिले में अब भी सहायक शिक्षक के 336, प्रधानअध्यापक प्राथमिक शाला के 76, शिक्षक के 15 और व्याख्याता के 138 कुल 565 पद रिक्त रहेंगे।
दो दशकों से बंद पडे़ स्कूलों के पुनः संचालन पश्चात 76 स्कूलों को पहली बार नियमित शिक्षक युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया के पश्चात मिल पाये। अतिसंवेदनशील एवं दूर्गम क्षेत्र गुन्डापूर, मुदवेंडी, हिरमगुन्डा, बोटेतोंग, गुन्जेपरती, जीड़पल्ली, मुरकीपाड़ जैसे 76 स्थानों पर पदस्थापना किए जाने से दो दशको बाद इन स्थानों पर शिक्षको की आवाजाही फिर से शुरू हो सकेगी जिससे इन क्षेत्रों के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल पाएगी। युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया में जिले में 65 स्कूलों का समायोजना किया गया है जिसमें से 56 स्कूलों का यथावत संचालन होगा, जिले में केवल 9 स्कूल अल्पदर्ज संख्या के कारण बंद किए गऐ हैं।