छत्तीसगढ़राज्य

आदिवासी क्षेत्रो में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं का होगा नुकसान – विक्रम मंडावी

युक्तियुक्तकरण का निर्णय अव्यवहारिक,सरकार निर्णय वापस ले - विक्रम मंडावी


जिले में शुक्रवार को जिला कांग्रेस कमेटी ने प्रेस वार्ता आयोजित की।प्रेसवार्ता में विधायक विक्रम मंडावी ने भाजपा सरकार के युक्तियुक्तकरण के निर्णय को रोजगार विरोधी एवं शिक्षा विरोधी कदम है। इससे प्रदेश में 45000 से अधिक शिक्षकों के पद समाप्त हो जायेंगे। 10463 स्कूल सीधे तौर पर बंद कर दिये जाएँगे है, नये सेटअप के नाम पर स्कूलों में शिक्षकों के न्यूनतम पदो की संख्या में कटौती करके शिक्षक के हजारों पद खत्म कर दिया गया है।

कांग्रेस पार्टी युक्तियुक्तकरण के खिलाफ जमीनी लड़ाई लड़ेगी और सभी जिलों एवं ब्लाकों में आंदोलन चलायेंगी, शीघ्र ही आंदोलन का कार्यक्रम, तिथि और स्वरूप की घोषणा होगी_

विधायक विक्रम मंडावी ने प्रेस वार्ता में आगे कहा कि रमन सिंह के सरकार के दौरान भी प्रदेश में 3300 से अधिक स्कूलों को बंद किया गया था, 12000 शिक्षकों के पद को खत्म किया गया था। वर्तमान में छत्तीसगढ़ में प्राइमरी स्कूलों में 21 छात्रो के बीच एक शिक्षक है, इस अनुपात को बढ़ाकर 30 छात्र प्रति शिक्षक और इसी तरह मीडिल स्कूलों में 26 छात्र प्रति शिक्षक के रेसियो को बढ़ाकर 35 छात्र प्रति शिक्षक किया जा रहा है। जिससे शिक्षको के एक तिहाई पद खत्म हो जायेंगे। विक्रम मंडावी ने प्रेस वार्ता में कहा कि नये शिक्षकों की भर्तियां न करनी पड़े इसलिए विष्णुदेव साय की सरकार युक्तियुक्तकरण कर रही। साय सरकार के इस फैसले का सबसे बड़ा नुकसान बस्तर और सरगुजा के आदिवासी अंचलों में पढ़ने वाले बच्चों पर पड़ेगा। प्राथमिक शालाओं में पहली व दूसरी में तीन-तीन विषय एवं तीसरी, चौथी, पांचवी में चार-चार विषय के अनुसार कुल 18 विषय होते हैं, जिन्हें वर्तमान समय में तीन शिक्षकों को 40 मिनट का 6-6 कक्षा लेना होता है, अब युक्तियुक्तकरण के नए नियम के बाद दो ही शिक्षको के द्वारा 18 कक्षाओं को पढ़ाना कैसे संभव हो सकता है? मिडिल स्कूल में तीन क्लास और 6 सब्जेक्ट इस हिसाब से कुल 18 क्लास और 60 बच्चों की कुल संख्या में एचएम और उसके साथ केवल एकमात्र शिक्षक कैसे 18 क्लास ले पाएंगे? इसके अतिरिक्त मध्यान भोजन की व्यवस्था डाक का जवाब और अन्य गैर शिक्षकीय कार्यों की जिम्मेदारी भी इन्हीं पर रहेगी।


विधायक विक्रम मंडावी ने आगे कहा कि स्कूलों को जबरिया बंद किए जाने से न केवल शिक्षक बल्कि उन 10463 स्कूलों से संलग्न हजारों रसोईया, स्वीपर और मध्यान भोजन बनाने वाली महिला, स्वसहायता समूह की बहनों के समक्ष जीवन यापन का संकट उत्पन्न हो गया है। नए सेटअप के तहत सभी स्तर प्राइमरी, मिडिल, हाईस्कूल और हायर सेकेंडरी स्कूलो में शिक्षकों के न्यूनतम पदों में कटौती के चलते युवाओं के लिए नियमित शिक्षक के पद पर नई भर्ती के अवसर भी कम हो जाएंगे, शिक्षा के स्तर पर बुरा असर पड़ना निश्चित है, भाजपा सरकार ने इतना बड़ा अव्यवहारिक निर्णय लेने से पहले ना प्रभावित वर्ग से चर्चा की, न ही प्रदेश के भविष्य के बारे में सोचा। इतना बड़ा निर्णय थोपने से पहले न शिक्षक संगठनों की राय ली गयी, न पालक संघ से पूछा गया, न ही शिक्षाविद और छात्र संगठनों से कोई चर्चा की गयी। सरकार के इस शिक्षा विरोधी फैसले के खिलाफ पूरे प्रदेश में आक्रोश है। उन्होंने कहा भाजपा सरकार 10 हजार से अधिक स्कूलों को बंद करने जा रही तथा 45000 से अधिक शिक्षकों के पद समाप्त कर रही है। सरकार के इस निर्णय से प्रदेश के दूरस्थ क्षेत्रों विशेषकर बस्तर, सरगुजा, जशपुर जैसे जगहों पर स्कूलों की कमी होगी, सरकार झूठ बोल रही कि स्कूल बंद नहीं होंगे, जबकि सच्चाई यह है कि मर्ज किये गये स्कूलों का डायस कोड़ विलोपित कर दिया गया है। युक्तियुक्तकरण शिक्षा विरोधी, रोजगार विरोधी कदम है। 10 हजार स्कूलों के बंद होने से रसोईया, चौकीदार, भृत्य जैसे पद भी समाप्त होंगे हजारों लोगों के रोजगार के अवसर समाप्त होंगे।कांग्रेस पार्टी युक्तियुक्तकरण के खिलाफ जमीनी लड़ाई लड़ेगी और सभी जिलों एवं ब्लाकों में आंदोलन चलायेंगे, शीघ्र ही आंदोलन का कार्यक्रम, तिथि और स्वरूप की घोषणा होगी।

प्रेस वार्ता के दौरान जिला कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष लालू राठौर, जिला कांग्रेस कमेटी उपाध्यक्ष रितेश दास, पूर्व जिला पंचायत के पूर्व उपाध्यक्ष कमलेश कारम, जनपद अध्यक्ष सोनू पोटाम, जनपद सदस्य मनोज अवलम, मीडिया प्रभारी राजेश जैन, जिला कांग्रेस कमेटी कोषाध्यक्ष पुरुषोत्तम खत्री, जिला महामंत्री जितेंद्र हेमला, वरिष्ठ कांग्रेसी मगराज खत्री, वरिष्ठ कांग्रेसी श्यामू गुप्ता, जनपद सदस्य बसंत हप्का और शंकर खटबीना सहित बड़ी संख्या में कांग्रेसी कार्यकर्ता उपस्थित थे।

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