Uncategorizedछत्तीसगढ़टॉप न्यूज़बेमेतरा /कवर्धाराज्यलोकल न्यूज़

वर्ष की अंतिम राष्ट्रीय लोक अदालत का हुआ आयोजन

mookpatrika.live

  1. दैनिक मूक पत्रिका बेमेतरा – जिला न्यायालय में बीते शनिवार को नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया गया। जिसमें बृजेन्द्र कुमार शास्त्री, प्रधान जिला न्यायाधीश / अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा दीप प्रज्जवलन कर लोक अदालत का शुभारंभ कर कार्यक्रम में उपस्थित न्यायाधीशगण, अधिवक्तागण व न्यायिक कर्मचारीगण को अधिक से अधिक प्रकरणों का निराकरण करने हेतु प्रोत्साहित कर शुभकामाएं दी गई। लोक अदालत में जिला न्यायालय प्रांगण में जिले के कोने-कोने से पक्षकार अपने प्रकरणों के निराकरण के लिए उपस्थित हुये, जिनकी सुविधा के लिए विधिक सहायता डेस्क, स्वचलित चिकित्सकीय वेन, स्वास्थ्य डेस्क व समस्त बैंक, विद्युत विभाग, फाइनेंस कंपनी द्वारा संचालित डेस्क, पक्षकारों हेतु निःशुल्क पौधा वितरण डेस्क लगाई गयी। नेशनल लोक अदालत हेतु जिला न्यायालय में 7 खण्डपीठ और तहसील साजा न्यायालय में । खण्डपीठ इस प्रकार जिला में कुल 8 न्यायालयीन खण्डपीठ का गठन कर दो-दो सुलहकर्ता सदस्यों की नियुक्ति की गई। उक्त नेशनल लोक अदालत के सफल आयोजन के अनुक्रम में समस्त न्यायालीन कर्मचारी, पैरालीगल वालेंटियर्स, जिला प्रशासन, जिला एवं जनपद पंचायत, नगर पालिका, विद्युत विभाग, जिले की समस्त बैंको सहित अन्य समस्त विभागों का भरपूर सहयोग प्राप्त हुआ है।

1.8 करोड 51 लाख रूपये अवार्ड राशि का हुआ वितरण

जिले में 18597 प्री-लिटिगेशन व लंबित प्रकरणों को निराकरण हेतु रखा गया था जिसमें से राजस्व प्रकरण, विद्युत विवाद बैंक प्रकरण व बी.एस.एन.एल. प्रकरणों का निराकरण कर कुल 15.76 लाख राशि की वसूली की गई। न्यायालय में लंबित 116 अपराधिक प्रकरण, 08 सिविल प्रकरण, 26 पारिवारिक प्रकरण, 24 चेक बाउंस 04 मोटर दुर्घटना दावा व अन्य प्रकरण का निराकरण कर कुल २ करोड ८९ लाख राशि का अवार्ड पारित कर जिले में रिकॉर्ड अनुसार १२५५ गामलों का निराकरण किया गया, जहां आपसी सहमति से सुनवाई के बाद पक्षकारों को बीमा, विद्युत व बैंक विवाद और अन्य प्रकरणों में कुल 18 करोड़ 41 लाख रूपए की मुआवजा राशि वितरित की गई |

न्याय वृक्ष एवं द्वार तोरन के माध्यम से प्राधिकरण की योजनाओं के प्रति जनमानस को किया गया जागरूक

नेशनल लोक अदालत में नालसा एवं सालसा योजनाओं एवं अभियानों की व्यापक प्रचार-प्रसार करने हेतु जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, बेमेतरा द्वारा योजनाओं / अभियानों एवं कानूनी के प्रति जागरूकता बढ़ाने की दिशा में न्याय वृक्ष एवं द्वार तोरन बनाकर प्रदर्शनी के माध्यम से नेशनल लोक अदालत में आये पक्षकारों को जानकारी प्रदान करते हुए कानूनी विषयों पर रंगोली बनाकर बेटी बचाओं, बेटी पढ़ाओं, न्याय सबके लिए संदेश देते हुये बाल विवाह एवं बलात्कार पीड़िता के गर्भ का चिकित्सीय समापन व अन्य विधिक विषयों पर पाम्पलेट का वितरण कर जागरूक किया गया।

लोक अदालत में उपस्थित पक्षकारों को विधिक रूप से जागरूक करने हेतु किया गया लघु फिल्मों का प्रसारण

जिला न्यायालय परिसर में उन्हें विधिक रूप से जागरूक करने हेतु प्रोजेक्टर के माध्यम से घरेलू हिंसा, लैंगिक अपराधों से संबंधित, महिलाओं से छेड़छाड़ व साईबर क्राईम, मोटर दुर्घटना सहित विभिन्न विषयों पर लघु फिल्म दिखायी गयी, जहां पक्षकारों के लिए बैठक व पेय जल की व्यवस्था की गई। साथ ही प्राधिकरण की गतिविधियों की झलकियां भी दिखाई गई।

पक्षकारों को प्रोत्साहन स्वरूप किया गया पौधों का वितरण

नेशनल लोक अदालत में आये पक्षकारों को निःशुल्क पौधा वितरण डेस्क से फलदार, छायादार पौधों का वितरण कर प्रोत्साहित किया गया। साथ ही पक्षकारों के लिए सेल्फी जोन भी रखा गया। भाई व बहन के बीच टुटती हुई रिस्तें के डोर को जोड़ा गया। न्यायालय, श्रीमान् बृजेन्द्र कुमार शास्त्री, प्रधान जिला न्यायाधीश द्वारा के न्यायालय में दो भाई व तीन बहनों के मध्य लंबित सिविल प्रकरण में बहनें भाई से संपति में हिस्सा मांग रही थी भाई हिस्सा देने के लिए कतेय तैयार नही थी न्यायाधीश के समझाईश पर बहनों ने भाईयों के पक्ष में हक त्याग किया और भाईयों ने बहनों को जमीन के एवज में चेक दिया भाई-बहन संतुष्ट हुए। दोनों पक्षों के द्वारा राजीनामा किया गया।

पति-पत्नि पीठासीन अधिकारी के समझाईश से हुए एक

न्यायाधीश श्रीमती अनिता कोशिमा रावटे की न्यायालय में घरेलू हिंसा के प्रकरण में पत्नि ने शादी के 13 साल के पश्चात् पति के विरूद्ध प्रकरण पेश किया था। 3 वर्ष से चल रहें मामलों में पक्षकार अपने-अपने अहम के कारण राजीनामा करने के लिए तैयार नहीं थे। परन्तु पीठासीन अधिकारी के द्वारा मातृत्व एवं पत्नि के महत्व व कर्तव्य निभाने की समझाईश दिये जाने पर 10 वर्षीय पुत्र व 13 वर्षीय पुत्री के साथ पति के साथ रहने के लिए तैयार हुई और दोनों के मध्य राजीनामा किया गया।

सौतेले भाई-बहन के मध्य पिता की करोड़ो की सम्पति में हिस्सा पाती को लेकर उपजी आपसी रंजीश हुई खत्म

न्यायधीश उमेश कुमार उपाध्याय, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के न्यायालय में बहन ने मृत पिता के संपति पर सौतेले भाई के खिलाफ बटवारा प्रकरण प्रस्ततु किया था। पिता की करोडों रूपये के संपति के संबंध में दोनों भाई-बहन लम्बे समय तक कानूनी लड़ाई लड़ रहें थे। न्यायाधीश के द्वारा पक्षकारों के मध्य प्री-सीटिंग कराई गयी न्यायालय के समझाईश पर भाई अपनी बहन को पिता के संपति में हिस्सा देने की सहमति जताई। दोनों पक्षों के द्वारा लिखित में राजीनामा प्रस्ततु किया गया जिस पर राजीनामा कराया गया।

परिवार न्यायालय में 11 परिवार हुए एक एवं कुल 26 मामलों को हुआ निराकरण

नेशनल लोक अदालत बीते शनिवार को राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित की गयी, जिसमें जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के तत्वाधान में आयोजित बेमेतरा कुटुम्ब न्यायालय में कुल 26 प्रकरणों का निपटारा हुआ, जिनमें से 11 मामलों में न्यायाधीश कुटुम्ब न्यायालय श्रीमती नीलिमा सिंह बघेल द्वारा विशेष प्रयास कर सभी दंपत्तियों को एक साथ सुलह-समझौता कर भेजा गया। महत्वपूर्ण बात यह है कि एक प्रकरण में दोनों दम्पत्ति शिक्षक के पद पर कार्यरत हैं तथा उनकी 17 वर्ष की तथा 21 वर्ष की पुत्री संतान है तथा उनके मध्य चल रहे पारिवारिक विवाद एवं आपसी मतभेद के कारण वे लगभग एक-दूसरे से लगभग 10 वर्ष से पृथक रह रहे थे। एक अन्य प्रकरण में दोनों दम्पत्ति का विवाह 20 वर्ष पहले हुआ था, किन्तु उनके मध्य विवाह के कुछ समय बाद ही गंभीर वाद-विवाद प्रारंभ हो गया, जिसे सामाजिक स्तर तथा महिला सेल द्वारा सुलझाने का कइ प्रयास किया गया, किन्तु कोई परिणाम नहीं निकला था। एक एसा प्रकरण जिसमें आवेदिका स्वयं के भाई वकील या पुलिस जैसे पद पर कार्यरत हैं, उस दम्पत्ति के मध्य विवाद इतना गंभीर था कि उनका किसी भी तरह एक साथ रहना संभव नहीं था। एक अन्य मामला जिसमें 80 वर्षीय पिता द्वारा अपने तीन पुत्रों के विरूद्ध परवरिश का मामला पेश किया गया था, जिसे बीते दिवस लोक अदालत में राजीनामे के बाद समाप्त किया गया। उक्त सभी प्रकरणों में नेशनल लोक अदालत में परिवार न्यायालय के पीठासीन न्यायाधीश श्रीमती नीलिमा सिह बघेल ने दम्पत्ति के भविष्य को ध्यान में रखते हुये उभयपक्षों को काफी देर प्रयास कर समझाया तथा समस्त प्रकरणों में दोनों पक्षों को विवाह के महत्व को समझाते हुये उन्हें एक-दूसरे का साथ न छोड़ने एवं हर परिस्थिति में दोनों को एक-दूसरे का साथ निभाने का वचन लेते हुये न्यायालय से विदा किया गया। उल्लेखनीय है कि विदा के समय दम्पत्तियों को तुलसी का पौधा तथा नारियल दिया गया, साथ ही सप्तवचन की प्रतिलिपि भी भेंट की गयी, सभी दम्पत्ति एक-दूसरे को माला पहनवाकर एवं मिठाइ खिलाकर अच्छा जीवन जीने की शुभकामनाएं देकर विदा किया गया। इस पूरे प्रयास के दौरान कुटुम्ब न्यायालय के न्यायाधीश श्रीमती नीलिमा सिंह बघेल के साथ साथी अधिवक्ता लालबहादुर शर्मा एवं श्रीमती पी. राजेश्वरी उपस्थित थे एवं परिवार न्यायालय के समस्त स्टाफ भी उस सुखद पल के साक्षी बने।

आरबिट्रेशन / निष्पादन प्रकरण में हुआ राजीनामा

खंडपीठ क्र. 03 में पीठासीन अधिकारी देवेन्द्र कुमार द्वारा श्रीराम ट्रांसपोर्ट फायनेंस कंपनी लिमिटेड ने एक निष्पादन (आर्विटल अवार्ड) प्रकरण क्र. 27/2023 इस न्यायालय में एवार्ड की राशि 9,47,328 /- रूपये प्राप्त करने के लिए प्रकरण प्रस्तुत किया था। जिसमें निर्णितऋणी के विरूद्ध चल संपत्ति कुर्की वारंट इस न्यायालय से जारी हुआ था। उक्त प्रकरण में समझाईश देने पर निर्णितऋणी की आर्थिक दशा को देखते हुए फायनेंस कंपनी ने 9,47,328/- रूपये के स्थान पर 70,000/- रूपये में समझौता किया। उसी प्रकार दुसरे प्रकरण में क्र. 64/2017 में इस न्यायालय में एवार्ड की शीश 5,95,795/- रूपये प्राप्त करने के लिए आवेदन प्रस्तुत किया था जिसमें भी निर्णितऋणी की आर्थिक स्थिति को देखते हुए खण्डपीठ द्वारा समझाईश दिये जाने पर फायनेंस कंपनी के द्वारा राशि 5,95,796/- रूपये के स्थान पर 1,00,000/- रूपये में समझौता किया जाकर मामलें का निराकरण किया गया।

MOOK PATRIKA

राष्ट्रीय दैनिक मुक पत्रिका एक ऐसा न्यूज वेबसाइट है जिसके माध्यम से विभिन्न दैनिक समाचार पत्र एवं अन्य पत्रिका को समाचार एवं फोटो पिक्चर की सेवाएं न्यूनतम शुल्क के द्वारा भी अन्य पाठकों को भी फेसबुक व्हाट्सएप यूवटुब व अन्य संचार के माध्यम से प्रतिदिन समय समय पर न्यूज़ भेजा जाता है

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!