अंबिकापुर नगर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने धूमधाम के साथ मनाया मकर संक्रांति उत्सव…!
संघ के छह उत्सवों में मकर संक्रांति उत्सव भी एक…!
आरएसएस सौ वर्षों से राष्ट्र और हिंदू समाज को सुरक्षित और संरक्षित करने में लगा हुआ है – राजकुमार चंद्रा
संघ एवं हिन्दू समाज के अथक प्रयास से राममंदिर का हुआ निर्माण…!
“आदित्य गुप्ता”
अंबिकापुर – राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने मंगलवार को नगर के विभिन्न शाखों में मकर संक्रांति उत्सव मनाने के साथ शाम को समाज के लोगों के साथ यह विशाल आयोजन मकर संक्रांति और राममंदिर प्राण-प्रतिष्ठा के एक वर्ष पूर्ण होने पर संघ ने अंबिकापुर के बजरंग मैदान में मकर संक्रांति उत्सव धूमधाम से मनाया. कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रत्येक समाज के मुखिया व मुख्य वक्ता धर्म जागरण के प्रदेश संयोजक राजकुमार चंद्रा जी रहे। कार्यक्रम में स्वयंसेवकों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। कार्यक्रम का संचालन श्यामाचरण गुप्ता जी ने किया। इस कार्यक्रम में नगर के सैकड़ों सनातनियों ने भाग लिया। संघ ने मकर संक्रांति को समन्वय एवं मिलन का पर्व बताया। आज का दिन अत्यंत शुभ हैं। हिंदू संस्कृति में आज से सभी शुभ कार्य प्रारंभ होगा। सूर्यदेव उत्तरायण हो गए हैं। आज ग्रहों की दृष्टि से भी दो मुख्य ग्रह सूर्य एवं शनि एक साथ एक घर में रहते हैं। इस निमित्त भी वातावरण में सुढ़ता एवं नाकारातमक ऊर्जा का नाश हो, सकारात्मक ऊर्जा का समावेश होता है। मुख्य वक्ता राजकुमार चंद्रा भईया ने राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के मुख्य उत्सवों की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए संघ द्वारा धर्म, समाज एवं राष्ट्र के प्रति किए जा रहे कार्यों पर अपने विचार दिए। लोगों ने शाखाओं में पवित्र भगवा ध्वज के पास अखंड भारत तथा भारत को विश्व गुरु बनाने का संकल्प लिया. इसके लोगों ने सामूहिक रूप से चूड़ा- दही- तिलकुट का आनंद लिया. संघ के छह उत्सवों में मकर संक्रांति उत्सव भी एक है. यह उत्सव देश के सभी स्थानों पर विभिन्न रूपों में मनाया जाता है. मकर संक्रांति उत्सव, शुभता लेकर आता है।
यादों में ठहरी रात और मकरसंक्रांति उत्सव
नवापारा स्थित बजरंग मैदान में शाम से देर रात तक अपने पूरे उत्साह के साथ भक्ति में तरीके से झूमते हुए मनाया गया।एक ओर आसमान पर पूरा चांद जहां ठहरकर नीचे झूमते भक्त श्रद्धालुओं को देख रहा था वहीं दूसरी ओर वातावरण में गुंजित हनुमान चालीसा पाठ का नाद दूर दूर तक लोगों के कानों में रस घोल रहा था। दरी पर भी बैठे लोग श्रद्धा भाव से भक्ति में लीन थे।एक ओर भगवान राम लक्ष्मण माता सीता की सुंदर सी प्रतिमा पूर्ण साज सज्जा के साथ विराजमान थी, जहां हर आते जाते लोग अपना माथा टिकाकर फिर स्थान ग्रहण करते या छोड़ते थे। यह दृश्य यह बताने के लिए पर्याप्त था कि भारत उत्सव प्रधान देश है और यहां रोम- रोम में राम बसे हैं।कण – कण में भगवान का वास है।सनातन धर्म संस्कृति के वाहकों को इससे अलग कर पाना संभव नहीं है. यह विशाल आयोजन मकर संक्रांति और राममंदिर प्राण-प्रतिष्ठा के एक वर्ष पूर्ण होने पर अनेक मायने में एकदम से अलग था।यह बहुत सुन्दर और बहुत बड़ा आयोजन था। भक्ति भाव में डूबा यह आनंदोत्सव प्रसाद वितरण के साथ संपन्न हुआ।
शुभ कार्यों की होती है शुरुआत
इसी दिन से सूर्य उत्तरायण होते हैं. हिंदू अपने शुभ कार्यों की शुरुआत करते हैं. ये त्योहार समरसता का प्रतीक है. धर्म जागरण के प्रदेश संयोजक राजकुमार चंद्रा जी ने कहा कि आरएसएस सौ वर्षों से राष्ट्रीय और हिंदू समाज को सुरक्षित और संरक्षित करने में अहर्निष भाव से लगा हुआ है. संघ के अथक प्रयास से राममंदिर का निर्माण हुआ, जो धार्मिक आस्था के साथ-साथ आर्थिक पुनर्जागरण का केंद्र हो गया है. धर्मांतरण जैसे ज्वलंत मुद्दों को लेकर भी उन्होंने अपने विचार समाज के लोगों के बीच रखा। मकर संक्रांति के अवसर हम सभी संघ के संकल्पों को पूरा करने हेतु सतत प्रयास में लगें.मौके पर संघ एवं समाज के पदाधिकारी गण उपस्थित रहे।
मकर संक्रांति पर मंदिरों में भीड़ उमड़ी
अंबिकापुर नगर में मंगलवार को मकर संक्रांति पर्व उत्साह पूर्वक मनाया गया. इस अवसर पर लोगों ने सुबह ही जलाशयों में स्नान कर भगवान सूर्यदेव व भोलेनाथ की पूजा-अर्चना की. साथ ही तिल, चूड़ा, गुड़ आदि का दान करने के बाद परिवार के सदस्यों के साथ सामूहिक रूप से दही-चूड़ा खाया।
मंदिरों में पूजा-अर्चना के ले उमड़े श्रद्धालु
मकर संक्रांति पर मंगलवार को पूजा-अर्चना के लिए मंदिरों में भीड़ उमड़ पड़ी. परंपरा के अनुसार लोगों ने सुबह ही मंदिर में पूजा-अर्चना कर अमन चैन व स्वस्थ जीवन की कामना की गयी. मंदिरों में पूजा की थाली लेकर सुबह में ही श्रद्धालु पहुंच गये थे। अंबिकापुर समेत आसपास के क्षेत्रों में नये साल के पहले महापर्व मकर संक्रांति का पर्व धूमधाम से मनाया गया. इसे लेकर सुबह से ही नदी में स्नान करने के लिए लोगों की भीड़ जुटी. महामाया मन्दिर समेत विभिन्न मंदिरों में पूजा-अर्चना की गयी. साथ ही लोगों ने बढ़-चढ़कर दान-पुण्य किया। इस मौके पर बच्चों ने पतंगबाजी भी की।