छत्तीसगढ़ी लोक गायक हिरेश सिन्हा के गानों की मिस्र में गूंज, अंतरराष्ट्रीय मंच पर छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक छाप

दैनिक मूक पत्रिका रायपुर/मिस्र – छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध लोक गायक हिरेश सिन्हा के गीतों की धूम अब अंतरराष्ट्रीय मंच पर भी देखने को मिल रही है। मिस्र में आयोजित अंतरराष्ट्रीय सांस्कृतिक महोत्सव में छत्तीसगढ़ के कलाकारों ने पारंपरिक वेशभूषा में हिरेश सिन्हा के लोकप्रिय गीत “हम तो आदिवासी आन” पर मनमोहक प्रस्तुति दी। इस कार्यक्रम में 17 देशों के प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया, लेकिन छत्तीसगढ़ी कलाकारों की प्रस्तुति ने दर्शकों का दिल जीत लिया।
छत्तीसगढ़ की इस शानदार सांस्कृतिक पहचान को दुनिया के सामने लाने में हिरेश सिन्हा के गीतों की महत्वपूर्ण भूमिका रही। मिस्र के इस महोत्सव को विभिन्न राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मीडिया ने कवर किया, जिससे यह खबर तेजी से फैल गई। सोशल मीडिया पर भी इस प्रस्तुति की खूब चर्चा हो रही है और छत्तीसगढ़ के लोग गर्व से इसे शेयर कर रहे हैं।
हिरेश सिन्हा ने जताया आभार
जब हमारी समाचार एजेंसी ने इस सफलता पर लोक गायक हिरेश सिन्हा से बातचीत की, तो उन्होंने कहा, “मुझे न्यूज़ चैनलों के माध्यम से पता चला कि मिस्र में हो रहे इस अंतरराष्ट्रीय सांस्कृतिक महोत्सव में छत्तीसगढ़ के युवाओं ने मेरे गीतों पर शानदार प्रस्तुति दी। यह मेरे लिए और पूरे छत्तीसगढ़ के लिए गर्व की बात है। छत्तीसगढ़ी संस्कृति और वेशभूषा अब न केवल भारत में बल्कि विदेशों में भी अपनी पहचान बना रही है। मेरे गीतों को इतना प्यार देने के लिए मैं सभी का दिल से आभार व्यक्त करता हूं। मैं आगे भी छत्तीसगढ़ी बोली, भाषा और संस्कृति को बढ़ाने में अपना पूरा योगदान देता रहूंगा।”
छत्तीसगढ़ की यह उपलब्धि प्रदेश की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को दर्शाती है। अंतरराष्ट्रीय मंच पर छत्तीसगढ़ी संगीत और नृत्य को मिली यह पहचान राज्य के कलाकारों के लिए भी एक बड़ी प्रेरणा है।