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त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों के तृतीय चरण हेतु मतदान कर्मियों का अंतिम प्रशिक्षण सफलतापूर्वक संपन्न

कलेक्टर रणबीर शर्मा के मार्गदर्शन में पंचायत चुनावों के लिए 2,292 मतदान कर्मियों का व्यापक प्रशिक्षण संप

 

दैनिक मूक पत्रिका बेमेतरा– त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव 2025 के तृतीय चरण के अंतर्गत जनपद पंचायत साजा और बेरला में होने वाले चुनावों के सफल और निष्पक्ष आयोजन के लिए मतदान कर्मियों का अंतिम प्रशिक्षण आज बेमेतरा जिला मुख्यालय में सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। यह प्रशिक्षण तीन प्रमुख स्थानों पर आयोजित किया गया: सेजेस कन्या विद्यालय, पी.जी. कॉलेज, और शासकीय बालक उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बेमेतरा। इस महत्वपूर्ण प्रशिक्षण सत्र का आयोजन पंचायत चुनावों की तैयारियों के मद्देनजर किया गया, ताकि मतदान कर्मियों को उनकी जिम्मेदारियों और कर्तव्यों के प्रति पूर्ण रूप से सजग किया जा सके। प्रशिक्षण में मतदान प्रक्रिया के दौरान विभिन्न चरणों और स्थितियों को लेकर विस्तार से जानकारी दी गई, जिससे चुनाव शांतिपूर्ण और निष्पक्ष ढंग से संपन्न हो सके।
कुल प्रशिक्षण और मतदान अधिकारियों का विवरण
प्रशिक्षण के दौरान जनपद पंचायत साजा और जनपद पंचायत बेरला के कुल 2,292 मतदान अधिकारियों को प्रशिक्षित किया गया। इनमें 573 पीठासीन अधिकारी और 573-573 प्रथम, द्वितीय, और तृतीय मतदान अधिकारी शामिल थे।
मतदान अधिकारियों का विवरण
सेजेस कन्या विद्यालय बेमेतरा (जनपद पंचायत बेरला): यहाँ पर कुल 849 मतदान अधिकारियों को प्रशिक्षित किया गया। इसमें 283 पीठासीन अधिकारी, 283 प्रथम मतदान अधिकारी, और 283 द्वितीय मतदान अधिकारी थे।

पी.जी. कॉलेज बेमेतरा (जनपद पंचायत साजा) यहाँ पर 870 मतदान कर्मियों का प्रशिक्षण हुआ। इसमें 290 पीठासीन अधिकारी, 290 प्रथम मतदान अधिकारी, और 290 द्वितीय मतदान अधिकारी थे।

शासकीय बालक उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बेमेतरा: इस स्थान पर कुल 573 अधिकारियों को प्रशिक्षित किया गया, जिसमें 283 मतदान कर्मी जनपद पंचायत बेरला के मतदान केंद्रों के लिए और 290 मतदान कर्मी जनपद पंचायत साजा के मतदान केंद्रों के लिए तैनात किए गए।
कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी रणबीर शर्मा ने पीजी कॉलेज पहुँचकर प्रशिक्षण का निरीक्षण किया और मतदान कर्मियों से सीधे संवाद किया। उन्होंने कर्मियों का मनोबल बढ़ाते हुए उन्हें निर्वाचन प्रक्रिया को निष्पक्ष, शांतिपूर्ण और निर्विरोध संपन्न कराने के निर्देश दिए। श्री शर्मा ने कहा कि मतदान प्रक्रिया को सफल और सुव्यवस्थित तरीके से संपन्न कराने के लिए मतदान कर्मियों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण होती है। उन्होंने सभी कर्मियों से आग्रह किया कि वे पूरी निष्ठा और जिम्मेदारी के साथ अपने कर्तव्यों का पालन करें, जिससे लोकतांत्रिक प्रक्रिया को सशक्त बनाया जा सके। कलेक्टर ने सभी मतदान कर्मियों को निर्देशित किया कि वे अपने कर्तव्यों को गंभीरता से निभाएँ और किसी भी प्रकार की अव्यवस्था या विवाद से बचने के लिए सतर्क रहें। साथ ही, उन्होंने कहा कि निर्वाचन प्रक्रिया को निर्विघ्न रूप से संपन्न कराने के लिए सभी कर्मियों को एकजुट होकर कार्य करना होगा। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम चुनावी प्रक्रिया को शांतिपूर्ण और निष्पक्ष तरीके से सम्पन्न कराने के उद्देश्य से आयोजित किया गया, जिससे जनता का विश्वास मजबूत हो और लोकतंत्र की नींव और अधिक सुदृढ़ हो।
पंचायत निर्वाचन की प्रक्रिया को सुचारू रूप से संपन्न कराने के लिए मास्टर ट्रेनरों ने मतदान और मतगणना से जुड़ी विस्तृत जानकारी दी। प्रशिक्षण सत्र में बताया गया कि पंचायत चुनाव की खासियत यह है कि मतदान और मतगणना दोनों एक ही दिन और एक ही मतदान केंद्र पर होते हैं। मतदान समाप्त होते ही मतदान दल को मतगणना दल में परिवर्तित कर दिया जाता है और उसी स्थान पर मतगणना कर अभ्यर्थियों को प्राप्त मतों की संख्या घोषित कर दी जाती है। इसलिए मतदान दल के सभी सदस्यों को मतदान के साथ-साथ मतगणना की प्रक्रिया का भी संपूर्ण ज्ञान होना आवश्यक है। मास्टर ट्रेनरों ने बताया कि मतगणना के समय पीठासीन अधिकारी को प्राधिकृत अधिकारी की भूमिका निभानी होती है, जबकि सभी मतदान अधिकारी मतगणना सहायक के रूप में कार्य करते हैं। मतदान और मतगणना की प्रक्रिया पूरी तरह से सामूहिक उत्तरदायित्व का कार्य है, इसलिए दल के प्रत्येक सदस्य को अपनी जिम्मेदारियों को गंभीरता से निभाना होगा। यदि मतदान के दौरान कोई त्रुटि होती है, तो उसका प्रभाव मतगणना में दिखेगा, इसलिए सभी को अत्यधिक सतर्कता और सावधानी बरतनी होगी। प्रशिक्षण में यह भी बताया गया कि ग्रामीण निकाय चुनावों में प्रत्येक मतदान केंद्र पर चार अलग-अलग पदों के लिए मतदान होता है।
मास्टर ट्रेनर ने बताया कि मतदान प्रक्रिया को व्यवस्थित रूप से संचालित करने के लिए प्रत्येक मतदान दल में पीठासीन अधिकारी के अलावा चार मतदान अधिकारी होते हैं। मास्टर ट्रेनरों ने बताया कि पंचायत चुनावों में मतपत्र और मतपेटी के माध्यम से मतदान संपन्न कराया जाता है। सभी मतपत्रों की स्पष्ट पहचान के लिए मतदान दल को दो विशेष सुभेदक सील दी जाती हैं। इनमें से एक सील का उपयोग जिला पंचायत और जनपद पंचायत सदस्य पद के मतपत्रों के लिए, जबकि दूसरी सील सरपंच और पंच पद के मतपत्रों के लिए किया जाता है। मतदान समाप्त होने के बाद सभी आवश्यक अभिलेख तैयार किए जायेंगे और तत्पश्चात मतदान केंद्र पर ही मतगणना की प्रक्रिया शुरू कर दी जाती है। मतगणना के बाद सभी अभिलेखों को संकलित कर मतपत्रों और अन्य सामग्रियों को सुरक्षित रूप से सील किया जाना है , जिसके बाद मतदान दल निर्धारित प्रक्रिया के तहत सुरक्षित रूप से लौटना है। इस अवसर पर अपर कलेक्टर सह उप जिला निर्वाचन अधिकारी अंकिता गर्ग और संयुक्त कलेक्टर दिप्ती वर्मा सहित अन्य अधिकारी कर्मचरी उपस्थित थें।

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