*नियमों को ताक पर रख हो रहा निजी स्कूलों का संचालन*
*जिम्मेदार कुर्सी तोड़ने में व्यस्त, स्कूल संचालक हैं मस्त*
*दैनिक मूक पत्रिका सक्ति/जैजैपुर:-* छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा नियम कानून को ताक पर रखकर निजी स्कूलों को मान्यता दी जा रही है। वहीं प्राइवेट स्कूल मनमाने तरीके से फीस वसूल रहे हैं। जैजैपुर विकासखंड में 50 से अधिक निजी स्कूल संचालित हैं, इनमें अधिकतर स्कूल नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं। क्षेत्र के कई प्राइवेट स्कूल संचालकों के पास खुद का भवन ही नहीं हैं। इनके पास अनुभवी शिक्षक भी नहीं हैं। पुस्तकालय, खेल मैदान, प्रसाधन, फर्नीचर, विद्युत व्यवस्था, पेयजल, लैब जैसी सुविधाओं के अभाव के बावजूद ये स्कूल जिम्मेदार अधिकारियों की मेहरबानी से संचालित हो रहे हैं। इतना ही नहीं ये विद्यार्थियों को स्कूल से काॅपी, बेल्ट, मोजे, टाई आदि खरीदने को बाध्य कर रहे हैं। कई स्कूल बगैर बीएड, डीएड किए अनुभवहीन शिक्षकों के भरोसे ही चल रहे हैं। इन स्कूलों में बच्चों के बैठने तक की सही व्यवस्था नहीं है। जबकि स्कूल संचालकों द्वारा प्रति माह वाहन किराया व स्कूल फीस मनमाने तरीके से लिया जा रहा है। परंतु जिम्मेदार अधिकारियों की इससे लापरवाही कहें या जानकर बूझकर ऐसे स्कूल को अनदेखी कर निजी प्राइवेट स्कूलों के तरफ झांकने तक नहीं जाते और धृतराष्ट्र बने बैठे हैं ये समझ से परे है। सक्ति कलेक्टर एवं जिला शिक्षा अधिकारी से हुई शिकायत, जांच कार्यवाही की उठी मांग। दरअसल पूरा मामला जैजैपुर विकासखंड जैजैपुर अंतर्गत ग्राम पंचायत कांशीगढ़ में संचालित निजी स्कूल सन शाइन पब्लिक स्कूल का है जहां नर्सरी से लेकर आठवीं तक की कक्षाएं संचालित है और शिक्षा विभाग के सारे नियम कानून को दरकिनार कर स्कूल का संचालन किया जा रहा है। उक्त निजी विद्यालय में लगभग 130 विद्यार्थी अध्ययन रत हैं। इस स्कूल में महज एक ही शौचालय की व्यवस्था है उसकी भी ढंग से साफ सफाई नही होती है। जबकि लड़कियों के लिए अलग और लड़कों के लिए अलग से शौचालय की व्यवस्था होनी चाहिए। उक्त स्कूल का संचालन किराये के मकान में किया जा रहा है और बगल में और भी दुकाने संचालित है।छोटे से किराये के मकान के तीन कमरों में नर्सरी से आठवीं तक के बच्चों को अव्यवस्था में रखकर शिक्षा के नाम पर व्यापार किया जा रहा है।बिना योग्य एवं बिना अनुभव के शिक्षक बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं।एक कमरे में दो कक्षाओं के बच्चों को एक साथ बैठाकर पढ़ाया जा रहा है। इसकी शिकायत कलेक्टर एवं जिला शिक्षा अधिकारी से की गई है और जांच उपरांत कार्रवाई की मांग की गई है स्कूल संचालक के ऊपर उचित कार्यवाही की मांग भी उठाई है। अब देखा ये है की जिला प्रशासन द्वारा क्या शिक्षा विभाग की नियमों का उलंघन करने वाले ऐसे स्कूल के मनमाने संचालन पर क्या कार्यवाही की जाती है?