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*15 जुलाई से 30 सितंबर 2024 तक जारी हैं वृहद ऑयल पॉम पौध रोपण अभियान*

 

*दैनिक मूक पत्रिका बेमेतरा -* विगत दिवस 29 सितंबर दिन (रविवार) को वृहद ऑयल पॉम पौध रोपण अभियान 15 जुलाई 2024 से 30 सितंबर 2024 के तहत ग्राम रेवे (बेरला) में ऑयल पाम कृषक संगोष्ठी एवं पौधरोपण के तहत कृषक प्रीतम चंदेल के फार्म में 10.00 एकड़ जमीन में अवधेश चंदेल के द्वारा पौधा रोपण कार्य किया गया। उनके द्वारा बताया गया कि ऑयल पाम योजना, केन्द्र सरकार का महत्वपूर्ण योजना है जिससे हमारा देश खाद्य तेलों में आत्मनिर्भर बनने की ओर अग्रसर है। कृक्षकों को लंबी अवधी की फसल जिसे बार-बार लगाने की आवश्यकता न हो व जिसकी खरीदी निश्चित हो उसे अपनाना चाहिए। ऑयल पाम फसल लगाकर न केवल कृषक अधिक आमदनी कमा सकते है, अपितु खाद्य तेलों का आयात कम करने में सहयोग कर देश की सेवा में सहभागी बन सकते हैं। इस योजना को बढ़ावा देने हेतु कृषक अपने ही जमीन में ऑयल पाम का रोपण करवायें और अधिक से अधिक किसान भाइयों को इस योजना को अपनाने की बात कही गयी है। जिले के उद्यानिकी विभाग के अधिकारी हितेन्द्र कुमार मेश्राम सहायक संचालक उद्यान, द्वारा जानकारी दी गई कि ऑयल पाम योजना, केन्द्र सरकार एवं राज्य सरकार की संयुक्त परियोजना है, हमारे देश में खाद्य तेल की कमी है. जिसे हम अन्य देशों से आयात करते है। आत्मनिर्भर भारत के अंतर्गत इस योजना का उद्देश्य खाद्य तेलों में भारत को आत्मनिर्भर बनाना व कृषकों की आय में वृद्धि करना है। अतः इस योजना के प्रचार-प्रसार हेतु उद्यान विभाग द्वारा वृहद ऑयल पॉम पौध रोपण अभियान चलाया जा रहा है। योजनान्तर्गत बेमेतरा जिले में इस वर्ष 200.00 हेक्टेयर का भौतिक लक्ष्य प्राप्त हुआ है। उद्यान विभाग द्वारा अनुबंधित संस्था 3-एफ ऑयल पॉम जिले में कार्यरत है। इस संस्था द्वारा कृषकों को उच्च गुणवत्ता के पौधे उपलब्ध कराना, तकनीकी मार्गदर्शन प्रदाय करना व उपज की खरीदी शासन द्वारा निर्धारित दरों पर करना है। ऑयल पॉम योजना अंतर्गत कृषकों को प्रथम चार वर्ष तक दिये जाने वाले विविध अनुदान (प्रथम चार वर्ष तक अन्तर्वतीय फसल एवं रखरखाव हेतु राशि रू. 10300.00 प्रति हे.) के बारे में बताया गया तथा सहायक संचालक उद्यान-बेमेतरा द्वारा जानकारी दिया गया है कि आयल पॉम का पौधा किसी भी प्रकार की भूमि में जो सिंचित हो में रोपण किया जा सकता है. साथ ही प्रथम तीन वर्ष तक अन्य उद्यानिकी फसलों को अर्तवर्तीय फसल के रूप में लगा कर अतिरिक्त आय प्राप्त किया जा सकता है। साथ ही अनुबंधित संस्था 3-एफ ऑयल पॉम के छत्तीसगढ़ के प्रमुख, श्री मनोज कुमार शर्मा, ने बताया कि ऑयल पाम एक ऐसी फसल है, जिसे एक बार लगाकर 25 से 30 वर्षों तक उत्पादन लिया जाता है। यह एक कम लागत न्यूनतम श्रम एवं अधिक आय प्रदाय करने वाली फसल है। ऑयल पाम एक मात्र ऐसा फसल है। जिसके उत्पादन हेतु पहले से ही बाजार तैयार है। वर्तमान में आंध्र प्रदेश, कर्नाटक व अरुणाचल प्रदेश में तेल प्रसंस्करण एवं संधारण केन्द्र संचालित है। छ.ग. प्रदेश की जलवायु इस फसल हेतु उपयुक्त है व शीघ्र क्षेत्र विस्तार होने पर यहां पर भी तेल प्रसंस्करण एवं संधारण केन्द्र स्थापित करने की योजना प्रस्तावित है। जिससे इस क्षेत्र में रोजगार उत्पन्न होंगे साथ ही कृषकों में आर्थिक समृद्धि आयेगी। पौधे रोपण के दौरान प्रीतम चंदेल, अध्यक्ष, जनपद पंचायत बेरला, श्रीमती पुष्पा साहू, सभापति, जिला पंचायत बेमेतरा, बलराम पटेल मंडल अध्यक्ष बेरला, हेमंत वैष्णव, सभापति जनपद पंचायत बेरला संतोष साहू, पार्षद, जनपद पंचायत बेरला, मानक सिंह, पार्षद, जनपद पंचायत बेरला, श्रीमती महादेवी, पार्षद, जनपद पंचायत बेरला उपस्थित रहे साथ ही साथ उद्यानिकी विभाग के अधिकारी शिव कुमार डोहरे, शिशिर ठाकुर, नागेन्द्र वर्मा, श्रीमती अंजुला बंजारे, श्रीमती डिम्पल वर्मा, देवव्रत गोस्वामी, पीयूष चंद्राकर, सुश्री मनीषा भास्कर, सुश्री रेखा ठाकुर, दीपचंद चंद्रवंशी, घनश्याम साहू एवं 3-एफ ऑयल पाम संस्था से रोहित कुमार साहू, कामता प्रसाद साहू, देवेन्द्र तिवारी, ओमप्रकाश साहू, महेन्द्र कुमार साहू एवं अन्य प्रगतिशील 180 कृषक उपस्थित रहे।

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