पीएम आवास का कुसमी के ग्राम पंचायत में बुरा हाल, क्या पंचायत मद के राशियों का चल रहा बंदरबाट ?
जनपद पंचायत के प्रभारी सीईओ ग्रामीण अंचल में सक्रिय नहीं
पीएम आवास का हाल बेहाल, भ्रष्टाचार चरमसीमा पर
दैनिक मूक पत्रिका कुसमी – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पीएम आवास योजना (ग्रामीण) लॉन्च कर गरीबों को पक्के का मकान दिलाने का लक्ष्य रखा हैं पर कुसमी जनपद पंचायत के ग्राम पंचायतों में यह योजना ग़रीबों को घर देने से पहले सरकारी कर्मचारियों को अमीर बना रही है. तथा जिम्मेदार जनप्रतिनिधि भी इस ओर किसी प्रकार का ध्यान नहीं दें रहें. वहीं अधिकारियों के उदासीनता के कारण आदिवासी अंचल के भोले – भाले ग्रामीणों की सुध लेने वाला कोई नहीं हैं। उल्लेखनीय हैं की जनपद पंचायत कुसमी में मुख्य कार्यपालन अधिकारी की कुर्सी अन्य विभाग के प्रभारी सीईओ (पशु चिकित्सा सहायक शालज्ञ्य अधिकारी) डॉ. अभिषेक पाण्डेय के भरोसे जिला के तत्कालीन कलेक्टर के आदेश पर करीब दो वर्षों से छोड़ दिए जाने से ग्राम पंचायतों में संचालित सभी योजनाओं पर बुरा असर पड़ रहा हैं। पंचायतों में होने विकास कार्य सहित सभी योजना चरमरा सी गई हैं. ग्राम पंचायतों में भ्रष्टाचार चरम सीमा पर हैं. पंचायतों में मानिटारिंग नहीं किये जाने से मैदानी स्तर के कर्मचारीयों को खुली छूट मिल गई हैं। जो अपनी जेब भरने में लगे हैं इनपर लगाम लगाने वाले प्रभारी सीईओ अपने काम – काजो को केवल कागजों तक सिमट कर रखे हुवें हैं धरातल स्तर पर जाने पर हकीकत कुछ और ही सामने आ रही हैं। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आवास योजना के तहत लक्ष्य की पूर्ति लापरवाही के कारण सिर्फ कागजों तक सिमट जा रही हैं. वहीं ग़रीबों के मन में बाते बैठती जा रही हैं की उन्हें घर हक़ के रूप में नहीं बल्कि रिश्वत और अहसान के रूप में मिल पाएगी।