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सरकार और नक्सलियों की लड़ाई के बीच मौत के घाट उतर रहे बस्तर के निर्दोष ग्रामीण -जावेद खान

एक सप्ताह में 6 निर्दोष ग्रामीणों की नक्सलियों द्वारा निर्मम हत्या चिंताजनक -जावेद खान

नक्सल दंश झेल चुके अनेक राजनेताओं,समाजसेवियों,आम नागरिकों ने सुरक्षा हेतु सरकार से लगाई है गुहार, उनके आवेदन क्यों खा रहे हैं गृहमंत्री के कार्यकाल में धूल -जावेद खान

 दैनिक मूक पत्रिका जगदलपुर – भारतीय युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता जावेद खान ने केंद्र और राज्य सरकार की नक्सलियों के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान को लेकर बड़ा बयान देते हुए केन्द्र सरकार और राज्य सरकार से मांग की है जावेद ने प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह और छत्तीसगढ़ के गृहमंत्री विजय शर्मा से बस्तर के ग्रामीणों की सुरक्षा को प्राथमिकता देने की मांग की है, जावेद ने कहा है कि केंद्र और राज्य सरकार की साझा कार्यवाही से पिछले 11 महीने में नक्सलवाद के खिलाफ सुरक्षा बलों को बड़ी सफलता हाथ लगी है जिसके चलते अब नक्सली पूरी तरह से बौखलाए हुए हैं दक्षिण बस्तर के बौखलाए हुए नक्सली क्रिया की प्रतिक्रिया देते हुए बस्तर के निर्दोष ग्रामीणों की चुन-चुन कर हत्या कर रहे हैं और सरकार को भी चुनौती दे रहे हैं जो चिंता जनक है पिछले एक सप्ताह में दो पूर्व सरपंच आंगनवाड़ी कार्यकर्ता समेत 6 आम जनों की निर्मम हत्या नक्सलियों के द्वारा की गई है जिसे लेकर सरकार की कोई प्रतिक्रिया ना आना बस्तर के आम नागरिकों के प्रति संवेदनहीनता को दर्शाता है।
जावेद ने केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह एवं छत्तीसगढ़ के गृहमंत्री विजय शर्मा से मांग की है कि सरकार नक्सल आपरेशन में पहली प्राथमिकता बस्तर के आदिवासियों बस्तर की जनता की सुरक्षा को रखे, सरकार की नक्सलियों के खिलाफ चलाए जा रहे आपरेशन में एक भी निर्दोष बस्तरवासी का खून ना बहे ऐसी रणनीति बना कर आगे बढ़े। वहीं युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता जावेद खान ने नक्सल दंश झेल चुके और नक्सली हमले में बाल-बाल बचे राजनेताओं, सामाजिक कार्यकर्ताओं और व्यापारियों को सरकार की ओर से सुरक्षा नहीं दिए जाने पर आपत्ति जताई है और मांग की है कि गृहमंत्री ऐसे आवेदनों पर गंभीरता दिखाए जो उनके कार्यालय में धूल खा रहे हैं, खान ने कहा एक तरफ भाषणों में केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह और छत्तीसगढ़ के गृहमंत्री विजय शर्मा कहते हैं कि प्रदेश के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में जो भी सुरक्षा के लिए आवेदन करेगा उसे सरकार जरूर सुरक्षा मुहैया कराएगी वहीं दूसरी ओर उनके आवेदनों पर कार्यवाही तो दूर सुनवाई तक नहीं की जा रही है, बस्तर के विभिन्न क्षेत्रों से अनेकों आवेदन गृहमंत्री के कार्यकाल में लंबित पड़े हैं वहीं रोजाना हो रही हत्याओं से नक्सली हिट लिस्ट में रहने वाले नेताओं,सामाजिक कार्यकर्ताओं और व्यापारियों में भय व्याप्त है,यदि नक्सलियों के खिलाफ आर-पार की लड़ाई सरकार कर रही है और 31 मार्च 2026 इसकी डेडलाइन तय कर दी गई है तो गृहमंत्री बिना देरी किए पहली प्राथमिकता के साथ ऐसे प्राप्त आवेदनों पर कार्यवाही करते हुए उनकी सुरक्षा को सुनिश्चित करें बस्तर के किसी भी निर्दोष के खून से बस्तर की धरती को रक्तरंजित होने से बचाएं।

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