लोनिवि में EPF कटौती से डरे अधिकारियों का ठेका प्रस्ताव
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दैनिक मूक पत्रिका – रायपुर। लोक निर्माण विभाग में वर्ष 2015 अप्रैल से दिसंबर 2024 तक ईपीएफ कटौती कर राशि जमा करने का निर्देश विभाग को दिया गया है। इसमे 60 डिवीजनों के अंतर्गत रखे गए समस्त दैनिक मासिक श्रमिको का यूएएन नम्बर और समस्त डिवीजनों का ईपीएफ़ कोड भी बना दिया गया है। वर्ष 2015 से जनवरी 2021 तक का 40 करोड़ राशि भी ईपीएफ कार्यालय में प्राप्त हो चुकी है। वर्ष फरवरी 2021 से 2024 तक का नया 7 ए प्रकरण दर्ज किया जा चुका है। इस वर्ष 2025-26 के बजट में 60 करोड़ की राशि भी बकायदा 018 हेड से ईपीएफ़ के लिए प्रदान कर दी गई है वही #18 हेड से 30 करोड़ की राशि सभी विभागों में 4 हजार मासिक पारितोषिक के लिए प्रदान की गई है। Also Read – मंदिर में महिलाओं को प्रवेश नहीं, मौली देवी के बारे में जानिए लोक निर्माण विभाग के अधिकारी इन सब की अनदेखी कर खुद से बिना सरकार के निर्देश अपने प्रस्ताव इन समस्त 6442 दैनिक श्रमिको को ठेके में रखने का सुझाव देना आरंभ कर दिए है। जबकि वर्ष 2016 में तत्कालीन विवेक ढांड मुख्य सचिव ने ऐसे दैनिक मासिक श्रमिक जिन्हें अस्थाई तौर पर आवश्यकता अनुसार रखा जाता है इन्हें आकस्मिक श्रमिक विभागीय भाषा मे सबोधित किया जाता है के ईपीएफ़ कटौती के निर्देश जारी किए थे।इसके बाद ही प्रकरण दर्ज होकर ईपीएफ़ कटौती का निर्देश ईपीएफ़ कार्यालय ने जारी किया। वर्तमान केवल एक मुख्य अभियंता का पत्र तेजी से वायरल हो रहा है दुर्ग परिक्षेत्र का, शेष अन्य 7 मुख्य अभियंता ने भी ऐसा प्रस्ताव शासन को भेजा होगा यह शंका विभाग के 6 हजार से ज्यादा श्रमिको में है। दुर्ग परिक्षेत्र के पत्र में स्पष्ट लिखा है ईपीएफ़ कटौती से ऐसे श्रमिको को नियमित होने की पात्रता मिल सकती है अतः ठेका कर देना चाहिए। ऐसे में बड़ा सवाल उठता है यदि इन श्रमिकों का नियमितिकरण अथवा स्थाईकरण हो जाता है तो अधिकारियों को दुःखी या भयभीत होना चाहिए? डरना चाहिए?