सामाजिक क्रांति के महानायक कांशीराम की 91वीं जयंती के अवसर पर जिला स्तरीय विशाल संगोष्ठी का हुआ आयोजन
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दैनिक मूक पत्रिका बेमेतरा/नवागढ़ – बीते शनिवार 15 मार्च को नवागढ़ मुख्यालय स्थित ही-टेक कंप्यूटर सेंटर में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) और बामसेफ (DS4) के संस्थापक, सामाजिक क्रांति के महानायक कांशीराम साहब की 91वीं जयंती के अवसर पर बेमेतरा जिला स्तरीय विशाल संगोष्ठी का आयोजन किया गया। यह संगोष्ठी बहुजन समाज पार्टी, जिला इकाई बेमेतरा के तत्वावधान में आयोजित की गई, जिसमें ओमप्रकाश बाचपेयी पूर्व प्रदेश अध्यक्ष, बहुजन समाज पार्टी, मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। सर्वप्रथम महापुरुषों के तैल चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित करते हुए उन्हें नमन करने पश्चात कार्यक्रम की शुरुआत हुई।
मान्यवर कांशीराम का जीवन संघर्ष एवं योगदान
कांशीराम जी ने अपना पूरा जीवन देश के दलित, पिछड़े, आदिवासी और अल्पसंख्यक समाज के उत्थान के लिए समर्पित कर दिया। उन्होंने समाज के शोषित-पीड़ित वर्गों को केवल जागरूक ही नहीं किया, बल्कि उन्हें राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक रूप से सशक्त करने का संकल्प लिया।
संगठन और आंदोलन की शुरुआत
1971 में उन्होंने ‘बैकवर्ड एंड माइनॉरिटीज कम्युनिटीज एम्प्लॉयीज फेडरेशन’ (बामसेफ) की स्थापना की, जिसके माध्यम से उन्होंने सरकारी नौकरियों में कार्यरत दलित-पिछड़े समाज के लोगों को एकजुट कर एक सशक्त आंदोलन की नींव रखी।
1981 में ‘डी.एस.-4’ (दलित शोषित समाज संघर्ष समिति) का गठन कर ग्रासरूट स्तर पर राजनीतिक चेतना जगाने का कार्य किया।
1984 में ‘बहुजन समाज पार्टी’ (बसपा) की स्थापना कर राजनीतिक शक्ति को एक नई दिशा दी, ताकि बहुजन समाज स्वयं सत्ताधारी बने और अपने अधिकारों की रक्षा कर सके।
राजनीतिक चेतना और सामाजिक क्रांति
उन्होंने “जिसकी जितनी संख्या भारी, उसकी उतनी हिस्सेदारी” का नारा देकर सामाजिक न्याय की नई दिशा तय की।
सामाजिक परिवर्तन, राजनीतिक हिस्सेदारी और आर्थिक सशक्तिकरण को केंद्र में रखकर उन्होंने बहुजन समाज को राजनीति में भागीदारी के लिए प्रेरित किया।
दलितों और पिछड़ों को केवल वोट बैंक न बनने देने की सीख दी, बल्कि सत्ता में हिस्सेदारी लेने के लिए संघर्ष किया।
उन्होंने सवर्णवादी व्यवस्था के खिलाफ संघर्ष करते हुए संविधान प्रदत्त आरक्षण, सामाजिक समानता और राजनीतिक सशक्तिकरण को जन-जन तक पहुंचाया।
बेमेतरा संगोष्ठी में मुख्य बातें
संगोष्ठी में वक्ताओं ने कांशी राम जी के संघर्ष, त्याग और उनकी विचारधारा को विस्तार से रखा।
मान्यवर कांशी राम जी द्वारा किए गए कार्यों से प्रेरणा लेकर बहुजन समाज को संगठित होकर आगे बढ़ने का संकल्प लिया गया।
मुख्य अतिथि ओमप्रकाश बाचपेयी ने कहा कि कांशी राम के बताए रास्ते पर चलकर ही हम बहुजन समाज को सत्ता और सम्मान दिला सकते हैं।
बहुजन समाज पार्टी के कार्यकर्ताओं और समर्थकों से राजनीतिक शक्ति बढ़ाने और समाज में परिवर्तन लाने के लिए एकजुट होने का आह्वान किया गया।
निष्कर्ष
यह संगोष्ठी बहुजन समाज के उत्थान और कांशी राम जी के विचारों के प्रचार-प्रसार का महत्वपूर्ण मंच बनी। उनके संघर्ष और आंदोलन की प्रेरणा लेकर संगठित, शिक्षित और सशक्त बहुजन समाज ही आने वाले समय में अपने हक और अधिकारों की रक्षा कर सकता है। कांशी राम जी का सपना तभी पूरा होगा जब बहुजन समाज राजनीतिक रूप से जागरूक और संगठित होकर सत्ता में अपनी भूमिका निभाएगा।