श्री नारायणा हॉस्पिटल ने 45 करोड़ की टैक्स चोरी की
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दैनिक मूक पत्रिका – रायपुर। राजधानी के देवेंद्र नगर स्थित श्री नारायणा अस्पताल में तीन दिनों तक चला आयकर सर्वे कल रात पूरा हुआ। इस कार्रवाई में 45 करोड़ रुपये की कर चोरी पकड़ी गई। हालांकि जब्त दस्तावेज की पूरी जांच के बाद. आंकड़ा 70 करोड़ का बताया गया है । अस्पताल के डायरेक्टर डॉ. सुनील खेमका ने विस्तृत पूछताछ के बाद यह स्वीकार किया कि कर बचाने के लिए नकद प्राप्तियों को छुपाया गया और खर्चों को कृत्रिम रूप से बढ़ा-चढ़ाकर दिखाया गया। यह आयकर विभाग की बीते पांच वर्षों में छत्तीसगढ़ में सर्वे के दौरान मिली सबसे बड़ी कर चोरी की राशि है।
आने वाले दिनों में अन्य निजी अस्पतालों में भी कार्रवाई करेगा। विभाग ने सभी की लिस्टिंग कर ली है । मुख्य आयकर आयुक्त (सीसीआईटी) अपर्णा करन और प्रधान आयकर आयुक्त (पीसीआईटी) प्रदीप हेडाऊ के प्रत्यक्ष निर्देशन में यह ऑपरेशन चला। संयुक्त आयुक्त बीरेंद्र कुमार और उप आयुक्त राहुल मिश्रा के नेतृत्व में 26 सदस्यीय टीम ने इसे सफल किया। इनमें से एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, “श्री नारायणा अस्पताल के निदेशक डॉ. सुनील खेमका को गहन पूछताछ के बाद कर गड़बड़ी स्वीकार करनी पड़ी। उनके खिलाफ 45 करोड़ रुपये की कर चोरी का मामला सामने आया है, जिसके तहत उन्हें तत्काल 11 करोड़ रूपए अग्रिम कर जमा करने के निर्देश दिए गए हैं। इसके अलावा, कर विभाग अतिरिक्त दंड और ब्याज की गणना कर आगे की कार्रवाई करेगा।” खेमखा से पहले अस्पताल में पूछताछ की गई और फिर वे अपने सीए के साथ कमिश्नरी भी पहुंचे ।
वरिष्ठ अफसरों के अनुसार, अस्पताल पर बीते दो महीनों से नजर रखी जा रही थी। इस दौरान बीते 3-5 वर्षों के लेन-देन, आय-व्यय के रिकॉर्ड और अस्पताल के वित्तीय दस्तावेजों का बारीकी से अध्ययन किया। सर्वे के दौरान सामने आया कि अस्पताल प्रशासन ने बड़ी मात्रा में नकद लेन-देन को कर विवरणी में दर्ज नहीं किया और फर्जी खर्चे जोड़कर कर देयता को कृत्रिम रूप से कम दिखाया। जांच में ऐसे दस्तावेज और डिजिटल डेटा मिले हैं जो स्पष्ट रूप से संकेत देते हैं कि अस्पताल प्रबंधन ने जानबूझकर वित्तीय रिकॉर्ड में हेरफेर किया। “अस्पताल के लेखांकन में बड़े पैमाने पर फर्जी बिलिंग और काल्पनिक खर्चों का समावेश किया गया था, जिसका उद्देश्य कर चोरी करना था। आयकर विभाग ने अस्पताल के वित्तीय रिकॉर्ड, अचल संपत्तियों में किए गए निवेश और डिजिटल साक्ष्यों को जब्त कर विस्तृत जांच शुरू कर दी है। सूत्रों का कहना है कि अस्पताल से जुड़े कई और महत्वपूर्ण दस्तावेज अब अधिकारियों की नजर में हैं, जिनकी पड़ताल जारी है।