प्रदेश में 50 हजार से अधिक जवान संभाल रहे नक्सल मोर्चा
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दैनिक मूक पत्रिका – रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार ने नक्सलवाद के खात्मे के लिए एक ठोस रणनीति तैयार की है। राज्य सरकार और केंद्रीय सुरक्षा बलों के संयुक्त प्रयासों से इस समस्या को जड़ से खत्म करने की दिशा में कई बड़े कदम उठाए जा रहे हैं। जिससे अब नक्सली बस्तर के जंगलों में पानी मांगते नजर आएंगे। छत्तीसगढ़ में नक्सलियों के प्रभाव को खत्म करने और राज्य में शांति व्यवस्था बहाल करने के लिए सरकार ने एक विस्तृत योजना बनाई है। इस योजना के तहत नक्सल प्रभावित इलाकों में सुरक्षा बलों की तैनाती बढ़ाने के साथ-साथ स्थानीय लोगों को भी मुख्यधारा में शामिल करने के प्रयास किए जाएंगे।
जानकारी के अनुसार राज्य में केंद्रीय सुरक्षा बलों की लगभग 53 बटालियन तैनात हैं, जिसमें 53 हजार से अधिक जवान लगातार नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में अभियान चला रहे हैं। इन बलों को आधुनिक हथियारों और तकनीक से लैस किया गया है, जिससे उनकी कार्यक्षमता और बढ़ेगी। सरकार ने साल 2026 तक नक्सलवाद के पूर्ण खात्मे का लक्ष्य तय किया है। इसके लिए सुरक्षा बलों को विशेष ट्रेनिंग दी जा रही है और उन्हें अधिक संसाधन मुहैया कराए जा रहे हैं। नक्सलवाद की समस्या से निपटने के लिए केवल सैन्य कार्रवाई ही नहीं, बल्कि सामाजिक और आर्थिक विकास भी आवश्यक है। इसलिए सरकार ने इन क्षेत्रों में सड़क, शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार जैसी सुविधाएं बढ़ाने के लिए कई योजनाओं की शुरुआत की है। सरकार लगातर नक्सलवाद के खिलाफ एक के बाद एक बड़े कदम उठा रहे हैं जिससे नक्सली अब घुटने टेक रहे हैं।