अमेरिका में एच-1बी वीजा के नए नियम: भारतीय पेशेवरों को मिलेगा बड़ा लाभ
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दैनिक मूक पत्रिका वाशिंगटन डीसी। अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति पद की शपथ लेने से तीन दिन पहले, जो बाइडन के प्रशासन ने 2023 में एच-1बी और एच-2 वीजा कार्यक्रमों से संबंधित नए नियम लागू किए हैं। ये बदलाव भारतीय आईटी पेशेवरों के लिए एक बड़ा अवसर प्रस्तुत करते हैं, क्योंकि इन बदलावों के बाद आवेदन प्रक्रिया में तेजी आएगी और लचीलापन बढ़ेगा। खासकर भारतीय पेशेवरों को इससे लाभ होने की उम्मीद है, क्योंकि वे अमेरिका में काम करने के लिए इस वीजा का सबसे ज्यादा उपयोग करते हैं।
एच-1बी वीजा का महत्व और भारतीय पेशेवरों की भूमिका
एच-1बी वीजा कार्यक्रम विशेष रूप से भारतीय आईटी पेशेवरों और कंपनियों के बीच बेहद लोकप्रिय है। 2023 में एच-1बी वीजा के 70% लाभार्थी भारतीय थे। इस वीजा के तहत विदेशी पेशेवरों को अमेरिका में लंबे समय तक काम करने का अवसर मिलता है। भारतीय पेशेवरों के लिए यह वीजा अमेरिका में कैरियर बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण मार्ग साबित हो रहा है।
नए नियमों में मुख्य बदलाव:
- डिग्री से संबंधित अनिवार्यता में छूट: नए नियमों के तहत, पेशे से संबंधित विशेषज्ञता को फिर से परिभाषित किया गया है। अब यह अनिवार्य नहीं होगा कि नौकरी के लिए संबंधित डिग्री वीजा धारक के पास हो। इसके बजाय, वैकल्पिक विधियों को भी स्वीकृति दी जाएगी, जो सीधे नौकरी से जुड़ी हों। यह भारतीय पेशेवरों को अधिक अवसर प्रदान करेगा, क्योंकि अब वे केवल डिग्री के आधार पर ही अपात्र नहीं होंगे।
- लॉटरी प्रक्रिया में कड़ा नियंत्रण: नए नियमों में यह सुनिश्चित किया गया है कि वीजा प्रक्रिया में समानता बनी रहे। अब उन संगठनों पर सख्ती बरती जाएगी जो एकसाथ समूह में आवेदन करते हैं, जिससे वीजा प्राप्त करने की प्रक्रिया में अधिक पारदर्शिता और समानता आएगी।
- एफ-1 वीजा धारकों के लिए सरल प्रक्रिया: अमेरिका में शिक्षा प्राप्त कर रहे एफ-1 वीजा धारकों के लिए एच-1बी वीजा प्रक्रिया को और सरल बना दिया गया है। इस बदलाव से अमेरिकी विश्वविद्यालयों में पढ़ाई कर रहे भारतीय छात्रों को काम करने का मौका मिलेगा, जिससे उनकी अमेरिकी पेशेवर यात्रा और भी सुगम हो जाएगी।
- नियोक्ताओं के लिए ज्यादा लचीलापन: कंपनियों को अपने कार्य की जरूरत के हिसाब से ज्यादा विशेषज्ञता वाले पेशेवरों को नियुक्त करने की सुविधा मिलेगी। इससे नियोक्ता अपनी विशेष आवश्यकता के अनुसार योग्य पेशेवरों को नियुक्त करने में सक्षम होंगे, जिससे उद्योगों में गुणवत्ता और दक्षता दोनों बढ़ेगी।
आवेदन प्रक्रिया में तेज़ी और निगरानी:
नए नियमों में एच-1बी और एच-2 वीजा प्रक्रिया को मॉडर्नाइज करने के लिए कई बदलाव किए गए हैं। इसमें आवेदन प्रक्रिया को तेज़ और सरल बनाने के साथ-साथ लचीलापन भी बढ़ाया गया है। इसके अलावा, वीजा के दुरुपयोग को रोकने के लिए सख्त सुरक्षा उपाय भी लागू किए गए हैं। अमेरिकी गृह सुरक्षा विभाग ने घोषणा की है कि नियमित रूप से मौके पर जाकर निगरानी की जाएगी और यदि कोई जानकारी गलत पाई जाती है तो वीजा आवेदन रद्द कर दिए जाएंगे।
राष्ट्रपति ट्रंप का एच-1बी पर रुख:
पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप एच-1बी वीजा कार्यक्रम की आलोचना करते रहे हैं। हालांकि, हाल ही में उन्होंने कहा कि उनके सहयोगी एलन मस्क की ओर से इस वीजा कार्यक्रम की तारीफ के बाद उनका इस वीजा कार्यक्रम को खत्म करने का कोई इरादा नहीं है। ट्रंप प्रशासन ने इस कार्यक्रम को बदलने की कोशिश की थी, लेकिन बाइडन प्रशासन के इन बदलावों ने इसे और अधिक प्रासंगिक और लाभकारी बना दिया है।
निष्कर्ष:
नए नियमों से भारतीय पेशेवरों को एच-1बी वीजा प्राप्त करने के लिए और भी अधिक अवसर मिलेंगे। इन बदलावों से वीजा प्रक्रिया को तेज़, लचीला और पारदर्शी बनाया गया है, जिससे विशेष रूप से आईटी पेशेवरों को लाभ होगा। भारत के लिए यह एक महत्वपूर्ण कदम है, क्योंकि अमेरिका में काम करने के अवसर भारतीय पेशेवरों की आर्थिक वृद्धि और वैश्विक बाजार में उनकी स्थिति को मजबूती देंगे।