*जिले के अशासकीय विद्यालयों के प्रधान पाठक और प्राचार्यों को अपार और परख प्रणाली का विशेष प्रशिक्षण*
*यह प्रणाली शिक्षा के डिजिटलीकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम*
**दैनिक मूक पत्रिका बेमेतरा * – जिले के अशासकीय विद्यालयों के प्रधान पाठक और प्राचार्यों को अपार (APAAR) (Automated Permanent Academic Account Registry) और परख प्रणाली के लिए ज़िला स्तरीय विशेष प्रशिक्षण सह-कार्यशाला आयोजित । यह प्रशिक्षण जिला शिक्षा विभाग द्वारा आयोजित किया गया, जिसका उद्देश्य शैक्षणिक गुणवत्ता और पारदर्शिता में सुधार करना है। पॉवर पॉइंट प्रजेंटेशन के ज़रिये अपार प्रणाली के माध्यम से छात्र-छात्राओं का स्थायी शैक्षणिक खाता बनाया जाएगा, जिसमें उनकी पूरी शैक्षणिक यात्रा का रिकॉर्ड सुरक्षित रहेगा। प्रशिक्षण शासकीय बालक उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, बेमेतरा में आयोजित किया गया।जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय के सहायक संचालक एस.पी. कोसले ने शिक्षकों को अपार आईडी की महत्ता और इसके उपयोग के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस प्रणाली से शिक्षकों के व्यक्तिगत डेटा और अन्य महत्वपूर्ण शैक्षिक सूचनाओं का प्रबंधन सुचारू रूप से किया जा सकेगा। इसके साथ ही, परख के संबंध में भी शिक्षकों को बताया गया, जिससे छात्रों की प्रगति का प्रभावी ढंग से मूल्यांकन किया जा सके। सहायक जिला परियोजना अधिकारी सुनील कुमार झा ने कार्यशाला में अपार और परख की तकनीकी विशेषताओं के बारे में बताया। जिला मिशन समन्वयक नरेंद्र वर्मा ने शिक्षकों को इन नई व्यवस्थाओं को अपनाने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने बताया कि यह प्रणाली शिक्षा के डिजिटलीकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जिससे स्कूल प्रशासन और शिक्षकों के लिए छात्रों की प्रगति को ट्रैक करना आसान हो जाएगा। परख प्रणाली के तहत शिक्षकों को मूल्यांकन और निगरानी प्रक्रिया में पारदर्शिता बनाए रखने के लिए प्रशिक्षित किया गया। इसके जरिए शिक्षण और शिक्षार्थी दोनों के प्रदर्शन का आकलन बेहतर तरीके से किया जा सकेगा। इस प्रशिक्षण में आधुनिक तकनीकी साधनों का उपयोग, डेटा विश्लेषण और रिपोर्ट तैयार करने की प्रक्रियाएं भी शामिल थीं, जिससे शैक्षिक व्यवस्थाएं और अधिक संगठित और प्रभावी बनेंगी। इस अवसर पर शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने बताया कि इन दोनों प्रणालियों के क्रियान्वयन से शिक्षण प्रक्रिया में सुधार होगा और छात्रों की शिक्षा को और अधिक प्रभावी बनाने में मदद मिलेगी।एमआईएस प्रशासक खिरामन वर्मा और प्रोग्रामर नेहील वर्मा ने तकनीकी पहलुओं पर शिक्षकों का मार्गदर्शन किया।बैठक में उपस्थित सभी प्रधान पाठक और प्राचार्य इन नई तकनीकों को लेकर उत्साहित दिखे और उन्होंने इसे अपने विद्यालयों में जल्द लागू करने की प्रतिबद्धता जताई। प्रशिक्षण का समापन प्रश्नोत्तरी सत्र से हुआ, जिसमें शिक्षकों ने अपनी शंकाओं का समाधान पाया। आईडी और परख प्रणाली के संबंध में प्रशिक्षण प्रदान करना था, ताकि शिक्षण संस्थानों में प्रशासनिक और शैक्षणिक गुणवत्ता को और बेहतर बनाया जा सके।