जांजगीर चांपा पुलिस को लेकर स्वामी सुरेंद्रनाथ ने दिया बड़ा बयान…
जांजगीर-चांपा की पुलिस जनता-जनार्दन के संरक्षण के लिए हैं या यंत्रणा देने के लिए हैं ? आखिरकार जनता किसके पास अपनी फरियाद लेकर जाएं ?
जांजगीर चांपा/दैनिक मूक पत्रिका । वेद पुराण, शास्त्र, संत, समाज सुधारक और गुरुदेव का कहना हैं कि जिस व्यक्ति पर भगवान की कृपा होती हैं वह परमार्थ पथ पर अग्रसर होता हैं। कहने का सीधा-सा तात्पर्य यह हैं कि भगवान और गुरुदेव के प्रति समर्पण ऐसा होना चाहिए कि जैसे दर्जी को कपड़े देकर हम शर्ट या पेंट बनाने के लिए देकर निश्चित हो जाते हैं फिर चाहे वह कपड़े के वह कितने ही टुकड़े कर दे हम उसे धन्यवाद देकर सिले हुए वस्त्र ले लेते हैं । हमारा समर्पण इसी तरह के संत-महात्माओं के प्रति होना चाहिए । जांजगीर-चांपा जिले के ख्यातिलब्ध चिन्तक लेखक और धार्मिक आस्था रखने वाले सद्गुरु सुरेंद्र नाथ जी ऐसे ही शख्सियत हैं, जो सामाजिक धार्मिक और आध्यात्मिक विषयों के साथ-साथ राजनैतिक पार्टियों के अलावा पुलिस प्रशासन को भी जागरूक करते हैं।
जांजगीर-चांपा जिले की जनता की पीड़ा आखिरकार कब दूर होगी एक यक्ष प्रश्न ।
गुरूदेव स्वामी सुरेंद्र नाथ ने कहा है कि जनता-जनार्दन किसे सत्ता सौंपेंगी और किसे सत्ता से बेदखल कर देगी , ये बातें जनता के पास शक्ति होती हैं । जनता ने अपनी शक्तियों का प्रयोग किया भी है और कांग्रेस के पांच वर्ष के भ्रष्ट शासन से त्रस्त होकर उसे सत्ता से उखाड़ फेंका हैं ये उम्मीद करके कि सत्ता परिवर्तन के साथ व्यवस्था में परिवर्तन होगा, लेकिन जांजगीर-चांपा की जनता की पीड़ा दूर नहीं हुई हैं ।
*प्रदेश सरकार का कहना हैं कि हम सुशासन लायेंगे लेकिन आज़ सुशासन दूर की बात पुलिस का अत्याचार और प्रशासन का भ्रष्टाचार बढ़ता जा रहा हैं।*
सत्ता किसी भी पार्टी की हो पुलिस प्रशासन के कार्यों में कोई परिवर्तन नहीं आया । जांजगीर-चांपा के थानेदार इतने निडर हैं कि अपराधियों को अपराध करने की खुली छूट दे रखी हैं थानेदारों को किसका संरक्षण मिला हैं, ये समझना कठिन हैं । एक तरफ हमारे मुख्यमंत्री विष्णु देव साय जी कहते हैं कि हम सुशासन लाएंगे और दूसरी तरफ़ पुलिस का अत्याचार और प्रशासन में भ्रष्टाचार दोनों बढता जा रहा हैं। इतनी लचर सरकार पहले कभी नहीं देखी हैं ।
*जांजगीर-चांपा के पुलिस महकमें और थानेदारों के सिर पर किसका वरदहस्त है ?*
एक उदाहरण हैं कि जिसकी शह पाकर कानून के रख वाले ही कानून व्यवस्था की धज्जियां उड़ा रहे हैं और जिन्हें क़ानून व्यवस्था बनाये रखने की जिम्मेदारी सौंपी गई हैं , उन्हीं के नाक के नीचे , अपराध लगातार बढ़ रहा हैं । चोरी-चकारी, लूट-पाट व हत्या रोजमर्रा की बातें हो गई हैं । कहने में शर्म आ रही हैं कि आज़ छोटी-छोटी बच्चियों के बलात्कार की घटनाओं में इजाफा हो रही हैं ।अपराधियों का मनोबल आज़ इतना बढ़ा हुआ हैं कि वे निडर होकर किसी भी अपराध को अंज़ाम देकर घूम रहे हैं ।
*हसदेव सरिता के जांजगीर-चांपा जिला के दोनों नगर निरीक्षक का हाल-बेहाल, बड़ी घटनाओं का होना आम बात हो गया हैं ।*
<span;>जांजगीर-चांपा जिले नाम से केवल एक ही लगता हैं लेकिन प्रशासन ने इसे हसदेव सरिता के दोनों किनारे नगर चांपा और जांजगीर को एक करके जरुर बना दिया है लेकिन दोनों नगरों के नगर निरीक्षक अलग-अलग हैं । इन दोनों नगरों में पदस्थ नगर निरीक्षक की कार्य शैली एक होनी चाहिए लेकिन बहुत ही लुंज-पुंज हैं , जिसके कारण कानून व्यवस्था लचर हो गई हैं । यही कारण हैं कि बड़ी-बड़ी घटनाओं का घटित होना आम बात हो गई हैं ।
*अपराधों में वृद्धि का एक कारण नशाखोरी हैं।*
डॉ स्वामी सुरेंद्र नाथ ने कहा कि जांजगीर-चांपा जिला में अपराधिक मामलों के बढ़ने का एक और कारण है, नशीले पदार्थों का खुलेआम बिकना ! उन्होंने बताया कि दोनों शहरों में जगह-जगह ठेलों पर गांजा और शराब बिक रहा हैं, वह भी पुलिस के नाक के एकदम नीचे और बिना पुलिस वालों के मिली-भगत के कैसे नशीले पदार्थ बिक रहे हैं, यहां हर प्रकार की प्रतिबंधित दवाइयां नशे के लिए युवाओं को उपलब्ध कराया जा रहा हैं ।
*ताकतवर अपराधियों को संरक्षण और बेकसूर मासूम पर प्रताड़ित करना, यह स्थिति बहुत ही हास्यास्पद हैं ।*
बिल्कुल ही बेबाक विचार रखने वाले स्वामी सुरेंद्र नाथ जी महाराज कहते हैं कि सबसे मजेदार बात यह हैं कि यहां के पुलिस अधीक्षक ही इन सब स्थिति को देखकर भी अनदेखा कर रहे हैं और अपराधियों पर कार्यवाही करने के बजाए पुलिस मासूम लोगों पर कार्यवाही कर रही हैं , जिससे जनता में दहशत हैं और अपराधी बेखौफ घूम रहे हैं । मतलब कि ताकतवर अपराधी को छोड़कर, कमज़ोर बेकसूर के ऊपर अपराध पंजीबद्ध करके उसको फंसाया जा रहा हैं । ये सारा कृत्य थानेदार के संरक्षण में हो रहा हैं।
*जांजगीर-चांपा जिले के इन दोनों थानेदारों को आखिरकार किसका संरक्षण प्राप्त हैं ?*
जांजगीर-चांपा जिले के इन दोनों थानेदारों को किसका संरक्षण प्राप्त हैं , इस विषय पर यह सोचकर जनता-जनार्दन भी चिंतित हैं । स्वामी सुरेंद्र नाथ जी ने कहा कि सबसे चिंतनीय विषय यह हैं कि यदि रक्षक ही भक्षक हो जाएगा तो फिर जनता किसके पास अपनी फरियाद लेकर जाएगी । यही स्थिति पूरे जांजगीर-चांपा जिला की हैं । उन्होंने निर्भीक होकर पवित्र भाव से कहा कि यहां के थानेदारों को जल्द से जल्द हटाया जाना चाहिए और किसी काबिल व्यक्तित्व की पद-स्थापना इस क्षेत्र में की जानी चाहिए, जो क्षेत्र की जनता की पीड़ा को यथार्थ रुप में समझें और न्यायप्रिय कार्य करे ताकि पुलिस प्रशासन के प्रति आम जनता का विश्वास बना रहे ।
*जांजगीर-चांपा जिले ही नहीं बल्कि प्रदेश में अपराध का ग्राफ़ बढ़ते जा रहा हैं।*
जांजगीर-चांपा ही नहीं पूरे छत्तीसगढ़ प्रदेश में अपराधों के बढ़ते ग्राफ से जन-मानस में असन्तुष्टि का भाव हैं। उन्होंने बताया कि अभी हाल ही में बलरामपुर, सूरजपुर, बलौदा बाजार, कवर्धा की वीभत्स घटनाएं सामने आई हैं । कमोबेश पूरे प्रदेश की यही स्थिति देखने को मिल रही हैं। इससे पहले इतनी लचर व्यवस्था देखने को नहीं मिली। शासन-प्रशासन में कसावट लाने की नितांत आवश्यकता हैं। जनता ने भ्रष्टाचार और भर्राशाही से तंग आकर, कांग्रेस की सत्ता को उखाड़ फेंका और भाजपा को सत्ता की कमान सौंपी। लेकिन साय सरकार लगातार लगभग हर मोर्चे पर असफल होती नजर आ रही हैं, यदि जनता में यही अविश्वास कायम रहा तो, नगरी निकायों और उप-चुनावों में ही असर पड़ता दिखाई देगा । यदि जनता ने उम्मीद कर के आपको सत्ता सौंपी हैं , तो सरकार आत्ममुग्धता से बाहर आकर प्रदेश की स्थितियों का जायजा लें, और अपराधों पर लगाम लगाने के लिए प्रशासन में कसावट लाएं तभी जनता में पुनः विश्वास स्थापित कर सकेंगे, अन्यथा मैंने पहले भी आगाह किया था, आज भी जनता के भीतर असन्तुष्टि को देखते हुए सचेत कर रहा हूं, कि यदि ऐसी ही वस्तु स्थितियों की अनदेखी की गई तो प्रदेश में भाजपा की सत्ता बने रहने के लिए, जनता का आशीर्वाद मिलना बहुत मुश्किल होगा, हर बार तुक्का नहीं लगता, जनता ने यदि विश्वास जताया हैं, तो सरकार का प्रथम कर्तव्य है, कि अपनी जिम्मेदारियों का ईमानदारी से निर्वहन करें।
*भाजपा का शीर्ष नेतृत्व कद्दावर तथा अनुभवी नेताओं को सत्ता सौपे ।*
मीडिया से चर्चा करते हुए स्वामी सुरेंद्र नाथ ने कहा कि केंद्र और राज्य दोनों ही स्थानों पर भाजपा सत्तारूढ़ हैं । मैं भाजपा के शीर्ष नेतृत्व से यही आग्रह करुंगा कि छत्तीसगढ़ की अब सुध लें । शासन-प्रशासन में कसावट लाने के लिए उचित परिवर्तन करें । जनता-जनार्दन का भरोसा जिस नेता पर हैं , उन कद्दावर अनुभवी नेताओं को उचित जिम्मेदारी सौपे ताकि पटरी से उतरते हुए प्रशासन की गाड़ी को सही दिशा और रफ़्तार मिल सके ।