*लक्ष्य, दृढ़संकल्प, जज्बा और मेहनत, मूलमंत्र से निश्चित ही मिलेंगे सकारात्मक परिणाम: डाॅ. सिंह*
*कक्षाओं में प्रथम स्थान हासिल करना सफलता का नहीं है पैमाना, हमेशा कीजिए बेहतर*
*हर बच्चे में आलौकिक प्रतिभाएं, पालक बच्चों पर न बनाएं दबाव*
*कलेक्टर नगर निगम आयुक्त और जिला पंचायत सीईओ ने विद्यार्थियों के अलग-अलग सवालों के दिए जवाब*
*दैनिक मूक पत्रिका रायपुर* – कलेक्टर डाॅ. गौरव सिंह ने आमापारा स्थित पीएम पंडित आर. डी. तिवारी अंग्रेजी माध्यम उत्कृष्ट विद्यालय में उड़ान कार्यक्रम के तहत शालेय विद्यार्थियों के लिए प्ररेक उद्बोधन एवं संवाद की शुरूआत की। कलेक्टर डाॅ. गौरव सिंह ने विद्यार्थियों को सफलता का मूलमंत्र बताते हुए कहा कि विद्यार्थियों को पढ़ाई के साथ-साथ लक्ष्य निर्धारत कर कड़ी मेहनत करनी चाहिए। इसके लिए पदचिन्ह तय करने की जरूरत है। हर विद्यार्थियों को अपने लिए पढ़ाई करनी चाहिए। इससे माता-पिता की पहचान बनने के साथ गांव, परिवार का नाम रौशन होता है। उन्होंने अपने पुराने अनुभव साझा करते हुए कहा कि असफलता मिलती तो कभी घबराएं नहीं। कलेक्टर ने कहा कि मैंने कभी कक्षाओं में कभी प्रथम स्थान हासिल नहीं किया, बल्कि द्वितीय स्थान पर ही रहा।
शासकीय इंजीनियरिंग काॅलेज से अध्ययन किया और बाद में मास्टर आईआईटी से किया, लेकिन लक्ष्य सोचा था उसके लिए मेहनत की और यूपीएससी पास कर आईएएस बनकर गांव लौटा तो पूरा गांव गौरवान्वित हो उठा। डाॅ. सिंह ने कहा कि कोई भी चीज को पाने के लिए लक्ष्य निर्धारित करने के साथ दृढ़संकल्पित होना जरूरी है। साथ ही जज्बा और कड़ी मेहनत से निश्चित ही सकारात्मक परिणाम आता है। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों में सीखने, समझने की जिज्ञासा होनी चाहिए। पढ़ाई को बोझ समझने से बेहतर हैं कि खेल की तरह मन लगाकर करें। कलेक्टर डाॅ. सिंह ने कहा कि विद्यार्थियों को कड़ी मेहनत कर कुछ बड़ा कर गुजरने की चाहत होनी चाहिए। जीवन में कठिनाई के दौर भी आते हैं, लेकिन मेहनत ही सफलता दिलाती है। वहीं समय ही खुशियों का पल होता है। कलेक्टर डाॅ. सिंह ने पालकों से भी आग्रह किया कि कोई भी पालक अपने बच्चों उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए दबाव न बनाएं। प्रत्येक विद्यार्थियों ने आलौकिक प्रतिभा लेकर जन्म लिया है। उन्होंने कहा कि कक्षा में प्रथम स्थान हासिल करना ही सफलता का पैमाना नहीं हैं, बल्कि कड़ी मेहनत और दृढ़ निश्चित से ही विद्यार्थी सफल होता है। कलेक्टर डाॅ. सिंह ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि यूपीएससी में चयनित अभ्यर्थियों को इंटरव्यू में सबसे सरल सवाल पूछे जाते हैं। सर्वप्रथम अभ्यर्थियों से बेसिक जानकारी ली जाती है और अभ्यर्थियों के व्यक्तित्व के बारे में सवाल किए जाते हैं। इंटरव्यू के दौरान अनेकों सवाल होते है। हर विद्यार्थियों को अखबार पढ़ने की आदत डालनी चाहिए। इससे देश-विदेश की जानकारी मिलती है। साथ ही उन्होंने कहा कि नीट और जेईई की तैयारी के लिए आनलाइन कोचिंग की सुविधा प्रारंभ की गई है। इसका लाभ अधिक से अधिक बच्चे उठा सकते है और अपना भविष्य बेहतर बना सकते है। साथ ही कलेक्टर ने विद्यार्थियों के सवालों के जवाब भी दिए। नगर निगम आयुक्त अबिनाश मिश्रा ने बच्चों को अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि कक्षा 6 वीं से 12 वीं तक हर बच्चों को कड़ी मेहनत करने की आवश्यकता है। क्योंकि इसी दौरान विद्यार्थियों को इतिहास की बेहतर जानकारी मिलती है। यहीं आगे की पढ़ाई में बहुत ही कारगर साबित होती है। जिला पंचायत सीईओ विश्वदीप ने अपने अनुभव को साझा करते हुए कहा कि विद्यार्थियों को यूपीएससी की तैयारी करने से पहले सिलेबस की जानकारी रखें। जब भी पढ़े सिद्दत के साथ पढ़ाई करें और अनुभवी लोगों से जानकारी लें। इस अवसर पर सहायक कलेक्टर सुश्री अनुपमा आनंद, जिला शिक्षा अधिकारी विजय खंडेलवाल, समग्र शिक्षा जिला समन्वयक के.एस. पटले समेत स्कूल के शिक्षक, पालकगण व बड़ी संख्या में विद्यार्थी उपस्थित थे।