केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने हाल ही में आतंकवाद विरोधी सम्मेलन 2024 का उद्घाटन किया। इस सम्मेलन में उन्होंने भारत की आतंकवाद के खिलाफ तैयारियों और नीतियों पर जोर दिया। अमित शाह ने कहा कि पिछले 75 वर्षों में, देश की सुरक्षा बनाए रखने के लिए 36,468 पुलिसकर्मियों ने अपने प्राणों की आहुति दी है। उन्होंने देश के आंतरिक और सीमाई सुरक्षा की मजबूती पर चर्चा करते हुए बताया कि किस प्रकार भारत ने आतंकवाद के खिलाफ एक मजबूत इकोसिस्टम विकसित किया है।
शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पिछले 10 वर्षों में भारत ने आतंकवाद के खिलाफ ज़ीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई है, और यह नीति न केवल भारत में बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी स्वीकार की गई है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारत अब आतंकवाद के खिलाफ पहले से कहीं अधिक सतर्क और तैयार है।
यह सम्मेलन आतंकवाद के प्रति वैश्विक सहयोग को और मजबूत करने और भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति को साझा करने का एक मंच है !
उन्होंने कहा कि पीएम मोदी के देश का प्रधानमंत्री बनने के 10 साल के भीतर भारत सरकार ने आतंकवाद के खिलाफ ठोस रणनीति अपनाई। आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस के उनके नारे को आज भारत ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया ने स्वीकार किया है। भारत के अंदर आतंकवाद से लड़ने के लिए एक मजबूत इकोसिस्टम तैयार हुआ है।
उन्होंने कहा कि पिछले 10 वर्षों में भारत सरकार ने आतंकवाद के खिलाफ ठोस रणनीति अपनाई और देश के अंदर आतंकवाद से लड़ने के लिए एक मजबूत इकोसिस्टम बनाया गया। 2006 से 2013 और 2014 से 2021 तक की अवधि को देखें तो आतंकवादी घटनाओं में 70% की कमी आई है।
उन्होंने कहा कि राज्य और केंद्र सरकार के संयुक्त प्रयासों से पिछले 10 वर्षों में जम्मू-कश्मीर, नक्सल प्रभावित क्षेत्रों और पूर्वोत्तर राज्यों में हिंसा पर काफी हद तक काबू पाया गया है। गृह मंत्री ने कहा कि सरकार की आतंकवाद विरोधी जांच एजेंसी राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) सभी आतंकी मामलों में यूएपीए का इस्तेमाल करती है और इसके परिणामस्वरूप अब तक दर्ज 632 मामलों में से 498 मामलों में आरोप पत्र दायर किया गया है और लगभग 95 प्रतिशत मामलों में सजा हुई है।
युवा अधिकारियों को उच्चतम तकनीक से लैस करना होगाअमित शाह ने कहा कि आतंकवादी हमले और उनकी साजिशें सीमाहीन और अदृश्य तरीके से हमारे खिलाफ हैं। अगर हमें इससे सटीक तरीके से निपटना है तो हमारे युवा अधिकारियों को उच्चतम तकनीक से लैस करना होगा। उन्हें प्रशिक्षित करना होगा। उन्हें हर तरह के खतरों से निपटने के लिए तैयार करना होगा। हम आने वाले दिनों में इसे प्रशिक्षण का अहम हिस्सा बनाएंगे।
पुलिस राज्य का विषय, लड़ाई उन्हें ही करनी होगीउन्होंने कहा कि गृह मंत्रालय ने आतंकवाद, आतंकवादियों और उनके पारिस्थितिकी तंत्र से लड़ने के लिए जो सक्रिय दृष्टिकोण बनाया है, हम उसमें अगला कदम उठा रहे हैं। हम एक राष्ट्रीय आतंकवाद विरोधी नीति और रणनीति लेकर आएंगे। जैसा कि मैंने कहा कि पुलिस राज्य का विषय है और लड़ाई राज्य पुलिस को ही करनी होगी। सूचना देने से लेकर कार्रवाई करने तक सभी (केंद्रीय) एजेंसियां आपका साथ देंगी।