बीजापुर में बीजेपी नेता की हत्या के मामले में चार नक्सली गिरफ्तार
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दैनिक मूक पत्रिका बीजापुर –हाल ही में बीजापुर जिले में भारतीय जनता पार्टी (BJP) के एक नेता और पूर्व सरपंच के अपहरण और हत्या के मामले में चार नक्सलियों की गिरफ्तारी हुई है। इस घटना ने पूरे क्षेत्र में सनसनी फैला दी थी, जब बीजेपी नेता को नक्सलियों द्वारा किडनैप कर उनकी निर्मम हत्या कर दी गई थी।
घटना का विवरण:
यह घटना बीजापुर जिले के मर्चाली इलाके में हुई थी, जहां मिलिशिया कैडर से जुड़े नक्सलियों ने पूर्व सरपंच और बीजेपी नेता का अपहरण किया था। 42 वर्षीय नेता का नाम अजय राम था, जो स्थानीय राजनीति में सक्रिय और लोकप्रिय थे। घटना की जानकारी के अनुसार, 15 अक्टूबर, 2024 को रात में नक्सलियों ने उनका अपहरण किया और बाद में उनकी हत्या कर दी। उनकी लाश पास के जंगल से 17 अक्टूबर को बरामद की गई थी।
नक्सलियों की गिरफ्तारी:
बीजापुर पुलिस और सुरक्षा बलों द्वारा चलाए गए संयुक्त ऑपरेशन के तहत चार नक्सलियों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस सूत्रों ने बताया कि ये चारों नक्सली मिलिशिया कैडर के सदस्य थे और लंबे समय से नक्सली गतिविधियों में संलिप्त थे। गिरफ्तारी के दौरान इनके पास से हथियार और अन्य आपत्तिजनक सामग्री भी बरामद की गई। पुलिस द्वारा जारी बयान में कहा गया कि इन नक्सलियों ने न केवल इस हत्या को अंजाम दिया, बल्कि क्षेत्र में अन्य हिंसक घटनाओं में भी शामिल रहे हैं।
नक्सली गतिविधियों की पृष्ठभूमि:
बीजापुर जिला छत्तीसगढ़ के उन नक्सल प्रभावित इलाकों में से एक है, जहां नक्सली गतिविधियों का प्रभाव अत्यधिक है। सुरक्षा बलों द्वारा लगातार ऑपरेशन चलाने के बावजूद, नक्सलियों की हिंसक गतिविधियां स्थानीय लोगों और नेताओं को निशाना बना रही हैं। यह हत्या नक्सलियों द्वारा राजनीतिक हस्तियों और स्थानीय नेताओं पर दबाव बनाने की रणनीति का हिस्सा मानी जा रही है।
आकड़े:
- नक्सली हिंसा में कमी: पिछले दो वर्षों में छत्तीसगढ़ में नक्सली हमलों की संख्या में लगभग 30% की कमी आई है, लेकिन बीजापुर जैसे इलाकों में नक्सलियों का प्रभाव अब भी बना हुआ है।
- पुलिस और नक्सली मुठभेड़: 2024 के आंकड़ों के अनुसार, बीजापुर जिले में सुरक्षा बलों और नक्सलियों के बीच 25 से अधिक मुठभेड़ हो चुकी हैं, जिनमें लगभग 15 नक्सली मारे गए हैं और कई गिरफ्तार किए गए हैं।
- गिरफ्तार नक्सली: 2024 में अब तक बीजापुर जिले में 50 से अधिक नक्सलियों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें से 20% से अधिक मिलिशिया कैडर के सदस्य हैं।
सुरक्षा बलों की प्रतिक्रिया:
पुलिस और सुरक्षा बलों ने इस हत्या के बाद नक्सलियों के खिलाफ ऑपरेशन को और तेज कर दिया है। इस ऑपरेशन के प्रमुख अधिकारी ने बताया कि गिरफ्तार किए गए नक्सलियों से पूछताछ के दौरान कई महत्वपूर्ण जानकारियां मिली हैं, जिनके आधार पर आगे की कार्रवाई की जा रही है। सुरक्षा बलों ने क्षेत्र में नक्सलियों के नेटवर्क को ध्वस्त करने के लिए विशेष ऑपरेशन जारी रखा है।
सरकार की प्रतिक्रिया:
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साई ने इस घटना की कड़ी निंदा की और पीड़ित परिवार को हरसंभव सहायता का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार नक्सलियों के खिलाफ कड़े कदम उठाने के लिए प्रतिबद्ध है और बीजापुर सहित नक्सल प्रभावित इलाकों में शांति स्थापित करने के लिए लगातार प्रयास कर रही है।
गृह मंत्री विजय शर्मा ने कहा कि नक्सलियों की इन हिंसक गतिविधियों का कड़ा जवाब दिया जाएगा और सुरक्षा बलों को उनकी क्षमता बढ़ाने के लिए आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराए जा रहे हैं। उन्होंने यह भी बताया कि पुलिस और सुरक्षा बलों ने इन चार नक्सलियों की गिरफ्तारी से यह साफ कर दिया है कि नक्सली आतंक को खत्म करने के लिए सरकार पूरी तरह सक्रिय है।
निष्कर्ष:
बीजेपी नेता और पूर्व सरपंच अजय राम की हत्या ने एक बार फिर बीजापुर में नक्सली गतिविधियों की गंभीरता को उजागर किया है। हालांकि, सुरक्षा बलों द्वारा किए गए ऑपरेशन और नक्सलियों की गिरफ्तारी से यह स्पष्ट है कि सरकार इस चुनौती से निपटने के लिए पूरी तरह से सतर्क है। सरकार और पुलिस द्वारा नक्सलियों के खिलाफ जारी सख्त कदमों से उम्मीद की जा रही है कि आने वाले समय में नक्सली हिंसा पर अंकुश लगेगा।