नेटफ़्लिक्स और रिल्स के युग में आरएसएस की शाखाएँ ही बच्चे नैतिकता और राष्ट्रीय चरित्र का निर्माण कर सकती हैं:डॉ सौरभ निर्वाणी
संघ की करीबी शाखाओ में ख़ुद बच्चों के लेके जायें अभिभावक:छत्तीसगढ़ी महासभा
दैनिक मूक पत्रिका बेमेतरा – किशोरों और बच्चों में आ रहे नैतिक मूल्यों और राष्ट्रीय चरित्र के कमी को दूर करने समाज में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की शाखाओ का सहारा अभिभावकों के लिए उपलब्ध श्रेष्ठ विकल्प है,नेटफ़्लिक्स और रील्स के इस युग में घोर मानसिक प्रदूषण से बच्चों और युवाओं को बचाने के लिए अभिभावकों को संघ के शाखाओ में बच्चों के साथ नियमित समय देना चाहिए ऐसा कहना था अखिल भारतीय छत्तीसगढ़ी महासभा के सयोंजक डॉ सौरभ निर्वाणी का,आप चाहे किसी भी राजनीतिक प्रतिबद्धता से जुड़े हों अपने बच्चों के मन में राष्ट्रीय चरित्र का विकास करने ,सामाजिक सरोकारों से जुड़ने और बहुत ही अहम बात नैतिक चारित्रिक मूल्यों के निर्माण के लिए स्वयं बच्चों को लेकर संघ स्थान जाएँ,मुझे पीड़ा होती है घरों के अंदर तक घुस आये हमारे समृद्ध सांस्कृतिक सामाजिक मान्यताओं पर हो रहे हमलों के आगे भारतीय परिवार बेबस से नज़र आते हैं, अगर आपकी राष्ट्र निष्ठा दृढ़ नहीं हुई ,पारिवारिक मूल्य गहरे नहीं हुए तो हमारे संस्कृति पर हो रहे इस सुनियोजित हमलो से हम पुनः पश्चिमी मानसिकता के ग़ुलाम हो जाएँगे । अखिल भारतीय छत्तीसगढ़ी महासभा के सयोजक डॉ सौरभ निर्वाणी ने पूरे प्रदेश भर के अपने संगठन के लोगों को निर्देश देते हुए कहा कि क़रीब के संघ की शाखाओ में जाकर अपने बच्चों में राष्ट्र चित्त उत्पन्न करें ,संघ की वैचारिकी से युवाओं में मातृभूमि के प्रति जिम्मेदारी की भावना आती है,राज्य की संस्कृति देश की संस्कृति को दूषित होने से बचाने के लिए यह संघर्ष का समय है और ज़िम्मेदारी सामूहिक है किसी सरकारों के भरोसे हम इस वैचारिक युद्ध से नहीं जीत सकते।