पंचायत और निकाय चुनाव : ढोलक, घंटी, चश्मा, फावड़ा मिला चुनाव निशान
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दैनिक मूक पत्रिका – छत्तीसगढ़ में आगामी पंचायत और नगरीय निकाय चुनाव के लिए तैयारियां जोरों पर हैं। निर्वाचन आयोग द्वारा चुनाव चिन्हों की सूची तैयार कर ली गई है, और जिला पंचायत सदस्य, नगर निगम, नगर पंचायत में पार्षद, और पंचायत के विभिन्न पदों के प्रत्याशियों को चुनाव चिन्ह आवंटित किए जा रहे हैं। इस चुनाव में प्रतीकों के वितरण पर खास ध्यान दिया गया है, ताकि सभी प्रत्याशियों को पहचान का एक साधन मिल सके, जिससे मतदाता उन्हें आसानी से पहचान सकें।
चुनाव चिन्हों की सूची:
पंचायत और निकाय चुनावों में जिन प्रतीकों को आवंटित किया गया है, उनमें कुछ प्रमुख चिन्ह इस प्रकार हैं:
- ढोलक
- घंटी
- चश्मा
- फावड़ा
- कंघा
- लकड़ी का स्टूल
- कप प्लेट
- कमल का फूल
- पेड़
- कुर्सी
- तारा
चुनाव प्रक्रिया का विवरण:
छत्तीसगढ़ में पंचायती राज संस्थाओं के अंतर्गत 11,000 से अधिक ग्राम पंचायतों, 146 नगर पंचायतों, और 16 नगर निगमों में चुनाव कराए जा रहे हैं। जिला पंचायत और नगर निगम के चुनाव चिन्हों को आवंटित करते समय यह ध्यान रखा गया है कि सभी उम्मीदवारों को ऐसा प्रतीक मिले जो उनकी पहचान को स्पष्ट रूप से प्रदर्शित कर सके। चुनाव चिन्हों का चयन इस आधार पर किया गया है कि वे आसानी से समझ में आने वाले और आम जनता से जुड़े हुए प्रतीक हों।
जिला पंचायत और निकाय चुनाव:
- जिला पंचायत चुनाव: 146 सीटों के लिए उम्मीदवारों को चुनाव चिन्ह दिए गए हैं। प्रत्याशी इन चिन्हों का उपयोग अपने प्रचार-प्रसार में करेंगे।
- नगर निकाय चुनाव: निकायों में 16 नगर निगम, 98 नगर पालिका परिषद और 146 नगर पंचायतों में चुनाव हो रहे हैं।
- ग्राम पंचायत चुनाव: सरपंच और पंच के पदों के लिए हजारों उम्मीदवार मैदान में हैं, जिन्हें विभिन्न चिन्ह दिए गए हैं।
प्रमुख आकड़े:
- ग्राम पंचायतों में चुनाव लड़ने वाले कुल उम्मीदवारों की संख्या 25,000 से अधिक है।
- नगर निगमों में कुल 3,000 से अधिक प्रत्याशी मैदान में हैं, जो विभिन्न वार्डों से चुनाव लड़ रहे हैं।
- छत्तीसगढ़ में इस बार चुनावों में खासतौर पर महिलाओं और युवाओं की भागीदारी बढ़ी है, जोकि स्थानीय प्रशासन में परिवर्तन का संकेत है।
प्रमुख चुनाव चिन्हों का महत्व:
- ढोलक: ग्राम्य संस्कृति का प्रतीक, जो ग्रामीण क्षेत्रों के मतदाताओं के बीच विशेष आकर्षण रखता है।
- फावड़ा: श्रम और मेहनत का प्रतीक, जो किसानों और मजदूर वर्ग के बीच लोकप्रिय है।
- चश्मा: दृष्टि और दूरदृष्टि का प्रतीक, जो प्रगतिशीलता को दर्शाता है।
निष्कर्ष:
इस बार के पंचायत और निकाय चुनावों में प्रतीक चिन्हों का आवंटन इस प्रकार किया गया है कि यह मतदाताओं के बीच उत्साह और पहचान को बढ़ावा देगा। चुनाव आयोग ने चिन्हों के वितरण की प्रक्रिया को पारदर्शी और निष्पक्ष बनाने का प्रयास किया है, ताकि सभी प्रत्याशियों को समान अवसर प्राप्त हो सके।
आने वाले दिनों में छत्तीसगढ़ के मतदाता इन चुनाव चिन्हों के माध्यम से अपने प्रत्याशियों का चयन करेंगे, और यह देखना दिलचस्प होगा कि कौन सा चुनाव चिन्ह सबसे ज्यादा आकर्षण प्राप्त करता है।